37 साल बाद आया है ऐसा रक्षाबंधन,सुबह 5.59 बजे से दोपहर 3.37 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
चौपाल ! रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहनों के अटूट प्रेम के प्रतीक के रूप में पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं । इस बार ये त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं,और बदले में उनसे अपनी सुरक्षा का वचन लेती हैं,और साथ में अगर कुछ तोहफे मिल जाये तो वो सोने पर सुहागा हो जाता है।पिछले कई वर्षो से रक्षाबंधन के दिन भद्रा योग होने के कारण बहने पूरे दिन में सिर्फ कुछ घंटे ही राखी बांध पाती थी । वहीं इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा नहीं है,ऐसा सुयोग 37 साल बाद बन रहा है। बहनें सावन पूर्णिमा के दिन 11 घंटे तक अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी।सावन पूर्णिमा 25 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 26 अगस्त की शाम 05 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। मान्यता है कि भाई के दीर्घायु होने और उसकी प्रसन्नता की कामना अगर शुभ मुहूर्त में की जाए तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
[ज्योतिष नजर]
इस बार सावन पूर्णिमा के दिन धनिष्ठा नक्षत्र है।शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को सुबह 05.59 से दोपहर 03.37 बजे तक हैजबकि शाम 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक राहुकाल और दोपहर 03.38 से 05.13 बजे तक यमघंट योग है।इस अवधि में भाइयों को राखी बांधना ठीक नहीं है।
[कैसे बांधें भाई के हाथों पर राखी]
रक्षाबंधन के दिन थाली सजाकर भाई की आरती उतारनी चाहिए।”येन बद्धो बलिः राजा दानवेंद्रो महाबलः येन बद्धो बलिः राजा दानवेंद्रो महाबलः” मंत्र को पढ़ते हुए भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधनी चाहिए।इस मंत्र का अर्थ है कि जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं। हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।