प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना की हालत बेहद नाजुक, लखनऊ के पीजीआई में भर्ती
उर्दू अदब के मकबूल शायर मुनव्वर राना की तबियत बिगड़ गई है और हालत नाजुक बताई जा रही है, उन्हें लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें सीने में दर्द होने पर परिजनों ने पीजीआई में भर्ती कराया गया है। संस्थान के जी ब्लॉक स्थित कार्डियोलॉजी के वार्ड के प्राइवेट रूम एक में भर्ती मुनव्वर राना का इलाज कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की टीम कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, मुनव्वर राणा को सीने में अचानक तेज दर्द उठने की वजह से, उनके परिजन उन्हें पीजीआई अस्पताल लेकर आए। पीजीआई अस्पताल के जी ब्लॉकस्थित कार्डियोलॉजी वार्ड के एक प्राइवेट रूम में उन्हें दाखिल किया गया है।
आपको बता दें कि पीजीआई अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का दल, मुनव्वर राणा का इलाज कर रहा है। फिलहाल उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। मुनव्वर राणा प्रसिद्ध शायरों में शुमार हैं और उनकी शायरी लोगों को इंसानी रिश्तों से रूबरू कराती है। शायर मुनव्वर राणा का अधिकार हिंदी और उर्दू दोनों ही भाषाओं पर है और उनकी ग़ज़लों में मां और बेटियों को वह स्थान दिया गया है, जो शायद ही किसी शायर ने अपनी ग़ज़लों में दिया हो।
मुनव्वर राणा के पीजीआई में दाखिले की खबर मिलते ही पीजीआई निदेशक डॉ. राकेश कपूर और सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल ने, मुनव्वर राण से मिलकर उनका हाल जाना। मुनव्वर राणा के अस्पताल में भर्ती होने की खबर के बाद, पीजीआई अस्पताल में उनसे मिलने के लिए उनके शुभचिंतक और रिश्तेदार उमड़ पड़े।
मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवम्बर, 1952 को उत्तरप्रदेश के रायबरेली में हुआ था। मुनव्वर राणा साहब की कई ग़ज़लें हिंदी व उर्दू भाषा में प्रकाशित हुई हैं। उनकी कई किताबों का अनुवाद बांग्ला व अन्य भाषाओं में भी हो चूका है। उनकी प्रमुख ग़ज़लों में “माँ, ग़ज़ल गाँव, पीपल छाँव, मोर पाँव, सब उसके लिए, बदन सराय, घर अकेला हो गया, मुहाजिरनामा, सुखन सराय, शहदाबा और सफ़ेद जंगली कबूतर” शामिल हैं।