May 14, 2025

आस्था का प्रतीक है दिव्य सूर्य कुंड मेले में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

IMG-20180916-WA0052.jpg

दर्शननगर स्थित पौराणिक स्थल सूर्य कुंड में स्नान कर भगवान सूर्य की आराधना करने से पूर्ण होती है मनोकामना

मेले में आये लाखो श्रद्धालुओ ने कुंड में स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना।

[गौतम पाण्डेय की रिपोर्ट]

अयोध्या(फैजाबाद) ! धार्मिक नगरी अयोध्या में भादौं मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर भगवान सूर्य की जयंती मनाई गई इस अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में विविध धार्मिक आयोजन किया गया इसके साथ अयोध्या के समीप दर्शननगर स्थित सूर्य कुंड पर भव्य मेला का आयोजन हुआ इस दौरान मेले में आये लाखो श्रद्धालुओ ने कुंड में स्नान कर भगवान सूर्य को अर्क दिया।

[आज भी स्थापित है भगवान सूर्य का पौराणिक सरोवर व मंदिर]

श्रीरामचरितमानस में उल्लेखनीय है कि जब भगवान राम लला का प्राकट्योत्सव हुआ था उस समय सभी देवी देवता पहुंच रहे थे और इन सभी का मार्ग प्रशस्त करते हुए भगवान सूर्य सबसे आगे प्रकाश फैलाते हुए चल रहे थे और उस समय 30 दिनों तक अयोध्या में अंधेरा नहीं हुआ. अयोध्या के दर्शन नगर में स्थित प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर की स्थापना त्रेता युग में 30 दिनों तक भगवान सूर्य का रथ जिस स्थान पर रुका रहा उसी स्थान पर राजा दर्शन सिंह ने प्राचीन सूर्य कुंड व मंदिर का और सरोवर का निर्माण कराया था जहां प्रतिवर्ष सूर्य जयंती के अवसर पर महारविवार को विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।

[कुंड के सरोवर में स्नान करने से ठीक हो गया था राजा दर्शन सिंह का चर्म रोग]

इस स्थान के पुजारी नागा विजय नारायण दास ने बताया कि अयोध्या के राजा शिकार के लिए इस क्षेत्र में आए थे जहां उन्हें प्यास लगने पर उनके एक सेवक ने गड्ढे के रुप में मौजूद इस कुंड से थोड़ा सा जल लाकर राजा को दिया जिसे पीते ही राजा का चर्म रोग ठीक हो गया जिसके बाद राजा ने इस स्थान पर 7 दिनों तक तपस्या की राजा की तपस्या से प्रसन्न होकर आकाशवाणी हुई और राजा ने आकाशवाणी में कही हुई बात के अनुसार इस कुंड की खुदाई कराई जिसके बाद इस कुंड के अंदर से 12 अश्वों पर सवार भगवान सूर्य की प्रतिमा,भगवान शिव का शिवलिंग और ढेर सारा खजाना प्राप्त हुआ जिसके बाद उसी खजाने से इस प्राचीन मंदिर और सरोवर का निर्माण कराया गया।

[भादौ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर बड़े इतवार को लगता है विशाल मेला]

मंदिर के पुजारी ने बताया कि भादौ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर महा रविवार के दिन इस पौराणिक मंदिर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश भर से श्रद्धालु दर्शन और पूजन करने आते हैं आज की तिथि के दिन भगवान सूर्य की उपासना पूजा करने और उनका दर्शन करने से तमाम बीमारियां समाप्त हो जाती है और मनुष्य को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है इसी मनोकामना की पूर्ति के लिए बड़ी संख्या में महा रविवार को प्राचीन सूर्य मंदिर पर मेले में शामिल होने के लिए भक्त श्रद्धालु आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading