और…..जब बालिका वधू ने मैं ससुराल नही जाऊंगी…? तब खाकी भी हुई सक्रिय।

0

पुलिस हिरासत बालिका वधू का पति अजय कुमार

मवई थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव में बाल विवाह का विरोध कर ससुराल जाने से किया मना।

कम उम्र में ससुराल ले जाने के जिद पर अड़े पति से किशोरी ने मांगा तलाक।

मवई(फैजाबाद) ! मैं ससुराल नहीं जाना चाहती पर लोग मुझे कम उम्र ही जबरदस्ती ससुराल ले जाना चाहते हैं।सर ये मेरी पढ़ने की उम्र है मैं सिर्फ अभी चौदह साल की हूँ।ये लोग जोर जबरदस्ती कर मेरी जिन्दगी बर्बाद कर देना चाहते प्लीज मेरी मदद करो मेरे जीवन को बर्बाद होने से बचा लो सर।एक नाबालिग किशोरी द्वारा कुछ इस तरह यूपी0 डॉयल सौ के कंट्रोल न0 पर फोन द्वारा सूचना देकर अपनी पीड़ा सुनाते हुए मदद मांगी गई।जहां से मैसेज पास होने के दस मिनट के अंदर मय कांस्टेबल मो0 आतिफ अनिल यादव के साथ पहुंचे पीआरवी 0925 के प्रभारी सुखदेव तिवारी ने किशोरी की बात सुनते ही उसके परिजन व पति को लेकर थाने पहुंची।जहां विवाहित नाबालिक किशोरी के बात सुन सभी दंग रह गए।वही किशोरी की बहादुरी की भी लोगों ने सराहना की।
बताते चले मवई थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव की रहने वाली किशोरी रश्मि पुत्री बुधराम उम्र 14 वर्ष की शादी चार वर्ष पूर्व इसी थाना क्षेत्र के ग्राम सनगढ़ा मजरे हंसराजपुर निवासी अजय कुमार पुत्र रामहेत के साथ पूरे विधि विधान के साथ हुई।जिसके बाद रश्मि का पति अजय विगत वर्ष से उसे विदा कराने के लिये लगातार दबाव बना रहा था।शुक्रवार की सुबह मामला टैब विगड़ गया अजय अपनी पत्नी को जबरन बिदा कराने उसके घर रतनपुर पहुंच गया।तब उसकी माँ भी बार बार रश्मि को समझकर ससुराल जाने की बात करने लगी।जब रश्मि की भावनाओं का किसी ने कद्र नही किया तो उसने बहादुरी दिखाते हुए यूपी0 डॉयल सौ पर फोन कर पुलिस के सामने बाल विवाह का विरोध करते हुए ससुराल जाने से मना कर दिया।जब उसका पति मानने को तैयार नही हुआ तब उसने तलाक तक लेने का फैसला ले लिया।किशोरी ने सबके सामने कहा मेरे पिता जी ने नौ दस वर्ष की अवस्था में मेरा विवाह किया था।तब मैं अंजान थी।लेकिन अब हम न ससुराल जाएंगे न ही मैं ऐसी शादी को मानती हूं।मेरी अभी पढ़ने की उम्र है।अभी मैं कक्षा दस में हूँ पढ़ाई पूरी होने के बाद ही ससुराल जाऊंगी।फैसला मंजूर हो तो ठीक नही तलाक दे दो।

दो लाख नही है इसलिये भेज रही थी ससुराल-मां

बालिका बधू रश्मि ने रो रोकर कहा कि ये लोग जबरन हमें ससुराल ले जाना चाहते है।मना करने पर दो लाख रुपये मांगते है।मुन्नी देवी ने बताया कि उसके पति लखनऊ में रिक्शा चलाते है।लड़की की शादी चार साल पहले गरीबी की हालत में किया गया था।अभी लड़की की उम्र 14 साल है और वह हाईस्कूल में पढ़ रही है।लड़की ससुराल जाना नही चाहती है।इस बात को जब शादी करवाने वाले अगुआ को बताया तो वे लोग कहने लगे कि 2 लाख रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।गरीब आदमी है 2 लाख रुपये कहाँ से लाए इसलिए जबरन लड़की को उसकी ससुराल भेज रहे थे।

पुलिस की मौजूदगी में हुआ समझौता।

मवई क्षेत्र की बालिका वधु रश्मि की पीड़ा जब पुलिस प्रशासन तक पहुंची तब जाकर उसका बाल विवाह के बाद जीवन बर्बाद होने से बच गया।पुलिस ने उसके पति को थाने लाकर दोनों पक्षों में सुलह कराकर बालिका को माँ के सुपुर्द कर दिया है।अब दोनों पक्ष कोर्ट में तलक लेने की बात कर रहे है।इस घटना में रश्मि की बहादुरी ने जहां आज के आधुनिक समाज की आधुनिकता की पोल खोलते हुए समाज की रुढ़िवादी परम्पराओं की गहरी जड़ों को उजागर किया है।वही ऐसे लोगों के लिये नजीर भी बन गई है।जो लोग कम उम्र में बालक बालिकाओं को शादी के बंधन में बांधकर इनकी इच्छाओं का दमन करना चाहते है।

बालिका वधू प्रकरण दो पक्ष किये गए पाबंद-एसओ मवई

मवई ! बालिका वधू की जबरन विदाई का मामला जिला प्रशासन के कानों से गूंजती ही जब इलाकाई थाने पहुंचा तो पुलिस विधिक कार्यवाई के बजाय दोनों पक्षों में सुलह कराकर बालिका को उसके मां के सुपुर्द करते हुए न्यायालय में जाने की सलाह दी।जबकि बाल विवाह करने पर संबंधितों को दो साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना का प्राविधान है।नियमानुसार ऐसे विवाह जो 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है।इससे कम उम्र में शादी करना अपराध है।जानकारों के अनुसार ऐसा करने पर बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह कराने वाले माता-पिता, भाई-बहन, परिवार, बाराती, सेवा देने वाले जैसे टेंट हाउस, प्रिंटर्स, ब्यूटी पॉर्लर, हलवाई, मैरिज गार्डन, घोड़ी वाले, बैंड बाजे वाले, कैटर्स, धर्मगुरु, पंडित, समाज मुखिया आदि पर भी कार्रवाई हो सकती है।लेकिन यहां पुलिस ने महज 07/16 में दोनों पक्षों को पाबंद कर वापस भेज दिया।इस बावत मवई थाना प्रभारी मितिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि बालिका व उसके परिजन ने तहरीर देने से मना किया।और वो विवाह भी तीन साल पहले हुआ था।बालिका सहित दोनों पक्ष स्वयं कोई कार्रवाई न चाहते हुए अदालत से मामले को निपटाने की बात कहकर आपस मे सुलह किए।फिर भी हमने दोनों पक्षों को 07/16 में पाबंद किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! © KKC News