बाराबंकी ! शराब कांड में मौत के पावर हाउस ने चौदह घरों किया तांडव[प्रहलाद तिवारी-ब्यूरो रिपोर्ट]

प्रहलाद तिवारी-ब्यूरो रिपोर्ट
बाराबंकी ! पावर हाउस नाम की शराब ने चौदह घरों में मौत का तांडव किया। निहायत गरीब परिवारों में दो जून की रोटी का जुगाड़ करने वालों को छीन ले गयी। सरकारी रस्म निभाने को अब दो-तीन दिन मातमपुर्सी होगी। कुछ कुर्सियों के बोझों को अदला-बदला जाएगा। फिर वही आबकारी, खाकी और व्यवस्था के अन्य जिम्मेदार एक राय होकर कमाने और ज़हर पिलाने सक्रिय हो जाएंगे। अगर ऐसा नहीं तो उसी बाराबंकी में साल भर के भीतर दोबारा कैसे बिकी जहरीली शराब। मौत के कारोबारियों से मुरव्वत कब तक…। यह कोई पहला मामला नहीं। महज 13 माह पहले देवा में भी जहरीली शराब ने 12 जाने ली थीं।अगर उस वक्त कड़ी कार्रवाई की गई होती तो शायद रानीगंज में तबाही न होती। कार्रवाई के नाम पर निलंबन और जांच मुकाम से पहले ही दम तोड़ जाता है। रानीगंज के मृतकों की चीख पुकार की गूंज राजधानी तक जरूर पहुंची। तभी योगी सरकार एक्शन में दिखी। सीओ, एसएचओ, जिला आबकारी अधिकारी, पांच आबकारी को निलंबित करना पड़ा। योगी सरकार ने आबकारी सचिव को जांच अधिकारी नियुक्त कर
48 घन्टे में भले ही जांच रिपोर्ट तलब की गईं मगर जांच के नाम क्या सच्चाई निकल कर आ पाएगी। अनुज्ञापी दानवीर सिंह की अवैध शराब की फैक्ट्री भी संचालित होने की बात सामने आ रही है।आबकारी व पुलिस महकमे की दुरभिसंधि भी ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। हर बार निलंबन की कार्रवाई व जांच तक ही मामला सीमित रहता है। घटनाओं की तह तक जाने का प्रयास न होना और सफेदपोशों के संरक्षण की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बाराबंकी में इस जहरीले मौत के कारोबार पर कब लगाम लगेगा यह यक्ष प्रश्न भी आमजनमानस के दिमाग में कौंध रहा है।
