February 16, 2025

किसानों को राहत देने की तैयारी में केंद्र सरकार,इन 4 विकल्पों पर कर रही है काम

download-5.jpeg

पीएम मोदी ने किसानों को राहत देने के मसले पर जेटली, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और अमित शाह के साथ बैठक की।

चुनाव के मद्देनजर किसानों को बड़ी राहत देने के लिए विचार-विमर्श किया।

नई दिल्ली ! पीएम मोदी ने किसानों को राहत देने के मसले पर बुधवार रात वित्त मंत्री अरुण जेटली, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक की।सरकार ने आगामी 2019 के आम चुनाव के मद्देनजर देशभर के किसानों को बड़ी राहत देने के लिए विचार-विमर्श किया। फिलहाल सरकार के पास चार विकल्प हैं, जिन पर किसानों को राहत देने पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है।विपक्षी दलों ने पिछले कुछ दिनों के दौरान किसानों को राहत देने की मांग जोर-शोर से उठाई है। प्रधानमंत्री मोदी की देर रात की इस विषय पर की गई बैठक से स्पष्ट है कि वे इसके प्रति गंभीर हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार देर रात प्रधानमंत्री की भाजपा अध्यक्ष और अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ करीब दो घंटे तक बैठक चली। इसके अगले दिन गुरुवार को भी संबंधित मंत्रालयों एवं नीति आयोग में आंतरिक बैठकों का दौर जारी रहा।इन बैठकों से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि सरकार ऐसे विकल्प पर आगे बढ़ना चाहती है जो आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से सहज हो। सरकार के पास किसानों को राहत देने के चार विकल्प हैं, जिनमें से किसी एक पर वह आगे बढ़ सकती है। उन पर आगामी बैठकों में विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।

कर्ज माफी से इंकार नहीं

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पहले विकल्प के तहत सरकार ने किसानों की कर्ज माफी से पूरी तरह इंकार नहीं किया, लेकिन ऐसा आमतौर पर इसलिए संभव नहीं, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसी की मांग करते रहे हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कई राज्य पहले ही किसानों की कर्ज माफी की घोषणा कर चुके हैं। राजकोषीय व्यवस्था भी इसकी इजाजत नहीं देती। इसकी बजाय सरकार कर्ज माफी से आगे बढ़कर ऐसा समाधान ला सकती है, जो ज्यादा आकर्षक और किसानों के हित में हो।

तेलंगाना की योजना पर विचार

दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि सरकार राष्ट्रीय स्तर पर भूमिधारक किसानों के लिए प्रत्यक्ष आय बढ़ाने वाली योजना ला सकती है। ऐसी एक योजना तेलंगाना में जारी है। 21 दिसंबर को झारखंड में ऐसी ही योजना की घोषणा की गई है। यह ऐसी योजनाएं हैं जिनमें बुआई के मौसम के पहले ही सीधे किसानों के खाते में नगद राशि पहुंचाई जाएगी।तेलंगाना में प्रत्येक भूमिधारक किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाता है। यानी खरीब और रबी के मौसम में करीब 12,000 करोड़ रुपए किसानों को दिए जाते हैं।झारखंड में खरीब के मौसम के पहले 5,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से भूमिधारक किसानों के खाते में राशि पहुंचाने की बात कही गई है, इस तरह राज्य के 2,250 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

1 रुपए में फसल का बीमा

तीसरा विकल्प एक रुपए की प्रीमियम पर फसल बीमा का हो सकता है। चौथा विकल्प फसल के बाद प्रत्येक किसान को 2000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से राशि देने का हो सकता है, ताकि फसल की बिक्री में नुकसान होने पर उसकी भरपाई हो सके।

सरकार के राजस्व पर भार

पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव एवं थिंक टैंक आईसीआरआईईआर के सिराज हुसैन कहते हैं- अगर सरकार पहले विकल्प पर जाती है तो 2.8 लाख करोड़ रुपए का भार आएगा। वहीं, तेलंगाना की योजना जैसा विकल्प भी अच्छा हो सकता है, लेकिन यह किसानों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading