नोएडा: नमाज के बाद अब भागवत कथा पर भी रोक, पुलिस ने ध्वस्त किए पंडाल

नोएडा के गौतमबुद्ध नगर में अभी खुले में नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध को लेकर मचा बवाल थमा भी नहीं था की एक बार फिर से नया धार्मिक बवाल मच गया है. इस नए मामले के बाद गौतमबुद्ध नगर में खुले में धार्मिक आयोजनों को लेकर रार बनी हुई है. यहां पिछले दिनों पुलिस ने कुछ कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए कहा था की वो अपने मुस्लिम कर्मचारियों को खुले पार्क में नमाज पढ़ने से रोकें. जिसके बाद इस पर खूब हल्ला मचा था. ख़बरों के अनुसार ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 37 से भी प्रशासन ने एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए लगाए गए टेंट को हटा दिया है
ख़बरों के अनुसार यहां कुछ दिनों पहले मूर्ति की स्थापना भी हुई थी. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने भागवत कथा के लिए टेंट लगवाया था. प्रशासन का कहना है की यह कथा प्रशासन की शर्तों पर नहीं हो रही थी इसलिए ऐसा किया गया है. इस घटना के बाद गुस्साईं महिलाए धरने पर बैठ गई हैं. प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी सचिन सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई है. यदि वे इसे फिर भी करते हैं तो यह गैर कानूनी होगा. स्थानीय पुलिस ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा की गई इस कार्रवाई से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
गौरतलब है की पिछले दिनों नोएडा सेक्टर 58 के पुलिस थाने ने 23 कंपनियों को नोटिस देकर, यहां के एक स्थानीय उद्यान में उनके मुस्लिम कर्मचारियों को शुक्रवार की नमाज पढ़ने से रोकने को कहा था. इस आदेश को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. इस मामले पर बयान देते हुए एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ट्वीट कर कहा था कि उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मी कावंरियों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाते हैं. किंतु सप्ताह में एक बार नमाज से शांति एवं भाईचारा बाधित होता है
ग्रेटर नोएडा (प्रथम) के क्षेत्राधिकारी निशंक शर्मा ने बताया कि ये कार्रवाई प्राधिकरण अधिकारियों और प्राधिकरण से संबद्ध पुलिसकर्मियों ने की है. जिला पुलिस या स्थानीय कासना पुलिस थाने का कोई अधिकारी वहां नहीं था. सेक्टर के लोगों ने यहां पर कुछ समय पहले मूर्तियों की भी स्थापना की थी, लेकिन प्राधिकरण नहीं चाहता कि यहां पर लोग किसी तरह की धार्मिक गतिविधि करें. घटना के बाद से सेक्टर के लोगों में रोष व्याप्त है
