November 14, 2024

पत्नी की नसबंदी कराने आया, खुद की बात पर भागा

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ग्रेटर नोएडा
परिवार नियोजन को लेकर पुरुषों से कहीं ज्यादा समाज की महिलाएं जागरूक हैं। इसका अंदाजा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए गए पुरुष नसबंदी पखवाड़े के समापन पर सामने आई दादरी सीएचसी की रिपोर्ट से ही लगाया जा सकता है। यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम को ढूंढने के बावजूद भी नसबंदी कराने वाला एक भी इच्छुक पुरुष नहीं मिला। इस बीच प्रेरक एक व्यक्ति को नसबंदी के लिए प्रेरित कर अस्पताल लाए भी लेकिन ऑपरेशन की तैयारी होने पर वह डॉक्टरों से बहाना बनाकर निकल गया। वहीं इस साल अप्रैल से लेकर अब तक दादरी सीएचसी पर 250 महिलाओं की नसबंदी कराई जा चुकी है।
हाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत 21 नवंबर से लेकर 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया। इस दौरान दादरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी पुरुष नसबंदी कराने के लिए नहीं पहुंचा। दादरी सीएचसी पर परिवार कल्याण कार्यक्रम देख रहे संजय सिंह ने बताया कि 19 दिसंबर को दादरी के सैंथली गांव से एक व्यक्ति अपनी पत्नी की नसबंदी कराने के लिए दादरी अस्पताल पहुंचे।

पत्नी में खून की कमी होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें खुद की नसबंदी कराने की सलाह दी। इस पर उनके साथ आए परिवार के अन्य लोगों ने भी उन्हें प्रेरित किया। उस व्यक्ति ने अपनी नसबंदी कराने के लिए सहमति जताते हुए अस्पताल में होने वाली कागजी कार्रवाई पूरी कर ली। डॉक्टरों ने नसबंदी के ऑपरेशन की भी तैयारी शुरू कर दी। इतने में व्यक्ति नसबंदी से पहले ही डॉक्टरों से बहाना लगाकर चला गया।

अप्रैल 2018 से अभी तक दादरी सीएचसी पर 250 महिलाओं की नसबंदी कराई गई है। पुरुष नसबंदी अभी तक एक भी नहीं की गई है। हाल में 21 नवंबर से चले पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान भी काफी प्रयास के बावजूद एक भी पुरुष नसबंदी कराने नहीं आया। नसबंदी कराने वाले पुरुष लाभार्थी को सरकार से 2000 और प्रेरक को 300 रुपये भी दिए जाते हैं।

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