पाकिस्तानी प्रोजेक्ट भारतविरोधी आतंकवाद और 26/11 के आतंकी हमले की दसवीं बरसी पर विशेष
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??सुप्रभात-सम्पादकीय??
साथियों ! कल पूरे देश में दस साल पहले बम्बई में हुये आतंकी हमले की दसवीं बरसी पर इस घटना में मारे गये लोगों को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि देते हुए उन्हें याद किया गया और इसकी पुनरावृत्ति न होने के लिए कड़ी निगहबानी करने का संकल्प लिया गया। यह हमला पाकिस्तान द्वारा 26/11/2008 में दस आतंकियों के सहारे किया गया था और आतंकियों को हमला करने के लिए बम्बई तक सकुशल पहुचंने की व्यवस्था भी की गई हैं।इस दिल दहला देने वाली घटना में शामिल दस में से नौ आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान मार डाला था जबकि एक कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था जिसे बाद में अदालती सुनवाई के बाद फांसी दे दी गई थी।भारत ने उसी समय पाकिस्तान से साफ शब्दों में कह दिया था कि अगर इस तरह का हमला पुनः होता है तो युद्ध निश्चित तौर पर होगा और दुनिया की कोई ताकत उसे बचा नहीं पायेगी।इसके बाद बम्बई जैसा हमला तो दस साल में दूबारा नहीं हुआ लेकिन काश्मीर एवं पाकिस्तानी सीमा पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले आज भी जारी हैं। लगातार हमारी सेना के साथ साथ धार्मिक ऐतहासिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं और हमारी सेना भी इस समय आतंकियों के खिलाफ सफाया अभियान चला रही है और रोजाना मुठभेड़ों का दौर जारी है।अबतक भारत में विभिन्न घटनाओं में मारे गये या पकड़े गये आतंकियों में प्रायः अधिकांश पाकिस्तानी होते हैं लेकिन पाकिस्तान कभी भी उन्हें अपना नहीं मानता है। यही हाल तो बम्बई हमले में भी हुआ था और सभी आतंकी हमलावर पाकिस्तान के रहने वाले थे लेकिन पाकिस्तान लगातार इसका खंडन करता रहा।पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक माना जा सकता है क्योंकि आतंकवाद की शुरूआत सबसे पहले पाकिस्तान और उसके पड़ोसी मुस्लिम देशों से हुयी है। पाकिस्तान भारत के खिलाफ आजादी मिलने के बाद से दुश्मनी के भाव रखता है और आतंकवाद पाकिस्तानी कार्ययोजना में शामिल है तथा हर साल इसके लिए एक अच्छा भला बजट भी आवंटित किया जाता है। इसी बजट के बलबूते पर वहाँ की सेना और गुप्तचर एजेंसियां भारत विरोधी प्रोजेक्ट तैयार करके उसे कट्टरपंथी मुल्ला मोलवियों के माध्यम से इस्लाम के नाम पर क्रियान्वित कराती हैं।भारत के खिलाफ चल रहा अघोषित युद्ध जैसा आतंकवाद इसी पाकिस्तानी आतंकी प्रोजेक्ट का प्रतिफल है। पाकिस्तान में बाकायदा आतंकियों को भर्ती करके उन्हें प्रशिक्षण देने और प्रशिक्षित लोगों काला लिबास पहनाकर भारत में आतंकी हमला करके मर मिटने का जज्बा पैदा करने का क्रम लगातार चलता रहता है।अब तो पाकिस्तान ने गुलाम काश्मीर में एक नयी आतंकी ट्रेनिंग यूनिट खोलकर वहाँ के स्थानीय युवकों को आतंकी प्रशिक्षण देने का कार्य शुरु कर दिया है। काश्मीरियों को आतंकी बनाने का गोरखधंधा पिछले काफी दिनों से चल रहा है और इन काश्मीरी आतंकियों का इस्तेमाल सिर्फ भारत के खिलाफ किया जा रहा है।लगता है कि जबतक पाकिस्तान दुनिया के नक्शे में रहेगा तबतक आतंकवाद समाप्त कर पाना असंभव रहेगा क्योंकि इस्लामिक स्टेट जैसे सगंठन आतंकवाद के बल पर पूरी दुनिया पर राज करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और इसमें भी सबसे ज्यादा पाकिस्तानी लोग शामिल हैं। दस साल पहले बम्बई में हुआ आतंकी हमला हमें सजगता कर्मठता कर्तव्यपरायणता एवं राष्ट्रप्रेम की याद दिलाता है और इस तरह का हमला भविष्य में न हो ऐसी कार्ययोजना बनाने की जरूरत की याद दिलाता है।पाकिस्तान तो इस घटना को भुला सकता है लेकिन भारतवासी इस कायराना हमले को कभी नहीं भुला सकते हैं लेकिन हमें गर्व है अपने तमाम बहादुर जाबाँज सुरक्षा कर्मियों चाहे सेना, अर्द्धसेना या फिर अन्य किसी सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े हो।
भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी
रामसनेहीघाट, बाराबंकी यूपी।
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