हाईस्कूल इंटर बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम घोषित,सात फरवरी से शुरू परीक्षा दो मार्च हो होगी समाप्त।

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हाईस्कूल की परीक्षा 15, इंटर की 16 कार्यदिवसों में होगी सम्पन्न,डिप्टी सीएम बोले इस बार और भी सख्ती के साथ होंगी परीक्षाएं।

इलाहाबाद ! यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा 15 और इंटर की 16 कार्यदिवसों में संपन्न होगी। चूंकि परीक्षा कुम्भ के दौरान पड़ रही है इसलिए टाइम टेबल बनाने में प्रमुख स्नानपर्वों का भी ध्यान रखा गया है। सात फरवरी के बाद 10 को बसन्त पंचमी और 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान है।इस बार इंटर के 106 विषयों में से 39 मुख्य विषयों की परीक्षा में एक पेपर ही होंगे। बोर्ड ने सीबीएसई के पैटर्न पर दो से एक पेपर कर दिया है।बाकी विषय ट्रेड व कृषि विषय के हैं जिनमें एक से अधिक पेपर होते हैं लेकिन छात्रसंख्या अपेक्षाकृत काफी कम होने के कारण कोई खास असर नहीं पड़ेगा। पहले या दूसरे सप्ताह में मूल्यांकन शुरू होकर 25 मार्च के आसपास तक चलेगा। इस साल परिणाम भी अप्रैल के पहले या दूसरे सप्ताह में घोषित होने की उम्मीद जताई जा रही है।

यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 का टाइम टेबल जारी।

7 फरवरी से होंगी यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं।डिप्टी CM डॉ. दिनेश शर्मा ने जारी किया टाइम टेबल।हाई स्कूल की परीक्षा 28 फरवरी, इंटर की परीक्षा 2 मार्च तक चलेगी।हाई स्कूल परीक्षा सिर्फ 14 कार्य दिवस में और इंटर की परीक्षा सिर्फ 16 कार्य दिवस में ख़त्म होगी।2 मार्च तक ख़त्म हो जायेंगी यूपी बोर्ड परीक्षाएं।अब पहली शिफ्ट का पेपर 7.30 की जगह 8 बजे से होगा।अब इंटर में 39 विषयों में 1-1 प्रश्नपत्र में परीक्षा होगी।हाई स्कूल के 36 विषयों में 1-1 प्रश्नपत्र में परीक्षा होगी।

57.87 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत

2019 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 5787998 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। हाईस्कूल में 3203041 और इंटरमीडिएट में 2584957 छात्र-छात्राएं हैं।

इस बार और सख्ती

उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा कि छह फरवरी से होने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में इस बार और सख्ती होगी। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए अभी से काम शुरू कर दिया है। इंतजामों पर नजर रखने के लिए कमेटी बना दी गई है।डिप्टी सीएम ने कहा कि इस बार परीक्षा कक्ष में दोनों ओर सीसीटीवी और वायस रिकार्डर लगेंगे। केंद्र से 200 मीटर की परिधि के अंदर प्रबंधक या प्रबंध समिति के लोगों को आने की अनुमति नहीं होगी। डीएम की अध्यक्षता में कमेटियां गठित कर दी गई हैं जो केंद्र निर्धारण के मानकों को पूरा कराएंगी। साथ ही देखेंगी कि केंद्र पर शौचालय, लाइट के लिए जेनरेटर या इनवर्टर पक्की चारदीवारी आदि अनिवार्य रूप से हैं या नहीं।उप मुख्यमंत्री ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि नकल पर शिकंजा कसने से छात्रों की संख्या कम हो गई। पिछले वर्ष 67.22 लाख छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया था लेकिन सख्ती के कारण 11 लाख परीक्षार्थी परीक्षा छोड़कर भाग गए। पिछली बार 1.81 लाख प्राइवेट बच्चों के पंजीकरण हुए थे लेकिन, इस बार पारदर्शितापूर्ण पंजीकरण कराने पर यह संख्या 93 हजार पर रह गई। इस बार भी नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए और सख्ती की जाएगी।

निजी स्कूलों पर शिकंजा कसेगी डीएम की कमेटी

डिप्टी सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अमूलचूल सुधार किए जा रहे हैं। निजी स्कूलों की फीस में मनमानी पर एक्ट बना दिया गया है। जिस पर राज्यपाल के हस्ताक्षर हो गए हैं। निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने का अधिकार कमिश्नर के बजाय जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी को होगा। फीस पर मनमानी लगाने को 20 सितंबर तक कमेटियों का गठन करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि हमने डिग्री कालेजों के प्रवक्ताओं को सातवां वेतन आयोग का लाभ दिया है। इसके लिए 921 करोड़ धनराशि अवमुक्त कर दी है। पिछली सरकार ने पांच साल में महज 48 कालेज खुले थे। जबकि, हमने एक साल में 205 कालेजों को मंजूरी दी है। इनमें 166 को पंडित दीनदयाल माडर्न स्कूल के रूप मे विकसित किया है।

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