अयोध्या : रामनगरी में मंदिर कब्जा करने का प्रचलनजोरो पर, प्रशासन मौन

कोतवाल पर फर्जी मुकदमे में फंसाने का लगा आरोप
अयोध्या ! राम जन्म मंदिर प्रकरण में फैसला आने के बाद से मंदिरों पर कब्जा करने का अभियान सा चल गया है। किसी भी खाली पड़े या कमजोर पुजारी वाले मंदिरों पर अराजक तत्वों की निगाह लगी रहती है। और मौका पाते ही कब्जा करने का प्रयास करने लगते हैं। ऐसा ही प्रयास ऋण मोचन घाट चौराहे के पास स्थित सरयू कैल कुन्ज मंदिर में हुआ है । मंदिर के महंत के रूप में वर्ष 2013 में अयोध्या के तमाम साधु संतों की उपस्थिति में सिया पियारी शरण व अवध किशोर शरण को नियुक्त किया गया है। मंदिर पर कुछ लोग जबरदस्ती कब्जा का प्रयास करने लगे तो महंत अवध किशोर शरण ने विरोध किया जिस पर उनके साथ मारपीट की गई ।पड़ोस के मंदिर के पुजारी जानकी शरण व मोहल्ले के तमाम लोगों ने मंदिर कब्जा करने का विरोध किया तो जानकी शरण को ही धमकियां मिलने लगी। जानकी शरण व अवध किशोर ने संयुक्त रूप से बताया कि अयोध्या कोतवाली के कोतवाल सुरेश पांडे लगातार मंदिर पर कब्जा कराने का ऊपर से आदेश है कहकर मंदिर से दूर रहने तथा मुकदमा लिखा कर जेल भेज देने की धमकी दे रहे हैं। जानकी शरण ने बताया कि घटना के बाबत मुख्यमंत्री एवं एसएसपी अयोध्या को प्रार्थना पत्र दिया गया था। आज पुनः जिलाधिकारी अयोध्या को भी घटना की शिकायत करते हुए सत्य की लड़ाई में सहयोग एवं कार्यवाही की मांग भी किया है ।जानकी शरण का कहना है कि उनका सरजू केल मंदिर से कोई संबंध नहीं है मात्र सत्य का साथ देने के कारण उन्हें धमकियां दी जा रही हैं । मंदिर के महंत राघवेंद्र शरण की दवा इलाज को भी अराजक तत्व नहीं कराने दे रहे हैं। अराजक तत्वों को कोतवाली अयोध्या के कोतवाल का प्रश्रय प्राप्त है।
