गांवों में जमीन मालिकों को मिलेगा संपत्ति कार्ड
स्वामित्व योजना में गांवों का ड्रोन से सर्वे कर तैयार होगा नक्शा प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालयराज्य सरकार केंद्र के निर्देशों के आधार पर प्रदेश के गांवों का स्वामित्व योजना में ड्रोन से सर्वे कराते हुए मानचित्र तैयार कराने जा रही है। इसके आधार पर जमीन मालिकों को संपत्ति कार्ड जारी किया जाएगा। इसका मकसद उन्हें जरूरत के आधार पर कर्ज की सुविधा दिलाना है। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने इस संबंध में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है।उन्होंने का है कि स्वामित्व योजना में ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का ड्रोन से सर्वेक्षण मानचित्र तैयार कराया जाएगा। पयलट प्रोजेक्ट के रूप में अधिसूचित क्षेत्रों में कम से कम पांच गांवों का सर्वे 15 अगस्त तक पूरा कराया जाएगा। इसके बाद स्वामित्व संबंधी प्रमाण पत्र या पट्टा पत्र बांटा जाएगा। पांच गांवों में न होने पर एक गांव का अनिवार्य रूप से कराना होगा।शासनादेश के मुताबिक केंद्र और यूपी के बीच इसको लेकर एमओयू हो चुका है। इसमें 54022 गांवों को शत-प्रतिशत डिजिटाइजेशन को ड्रोन से सर्वे के लिए चिह्नित किया गया है। प्रदेश के 10 मंडलों आजमगढ़, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, प्रयागराज, मीरजापुर, बस्ती, देवीपाटन, झांसी व चित्रकूट के 37 जिलों के कुल 50294 गांवों की ड्रोन से सर्वे की प्रक्रिया शुरू की गई है। शेष 3728 गांवों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आठ मंडलों से लिए जाएंगे। इसमें प्रत्येक जिले के लगभग 100 गांव शामिल हैं।इसके लिए अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संचालन समिति बनाई गई है। इसमें आयुक्त एवं सचिव राजस्व सदस्य सचिव और 13 सदस्य हैं। राजस्व परिषद अध्यक्ष की अध्यक्षता में राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई समिति बनाई गई है। जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समीक्षा समिति बनाई गई है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए उनकी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है। ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेख का निर्माण करना है। इसका मकसद संपत्ति संबंधी विवादों और कानूनी मामलों को काम करना है। इसके आधार पर जीपीडीपी तैयार करने में सहयोग मिलेगा।