अयोध्या : सूख रही गुलाब के फूलों की खेती किसान चिन्तित


बीकापुर(अयोध्या) ! वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। फूलों की खेती करने वाले तमाम किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं जिसके चलते हुए किसानों में काफी मायूसी व्याप्त है। लगातार लाक डाउन बढ़ने के कारण फूल की बिक्री ना हो पाने से सुख रहे फूलों के पौधों को किसान काटकर और उखाड़ कर फेंकने को मजबूर हो गए हैं। फूल की खेती करने वाले किसानों को अब यह नहीं सूझ रहा है कि खेतों में तैयार गेंदा, गुलाब, चमेली, गुड़हल, चांदनी, बेला के फूलों का क्या करें। तहसील बीकापुर अंतर्गत विकासखंड तारुन और विकासखंड बीकापुर के कई किसान पिछले कई वर्षों से धान गेहूं गन्ना सहित अन्य पारंपरिक फसलों की खेती छोड़कर नकदी के रूप में फूलों की खेती कर रहे हैं इससे इनको काफी आर्थिक मजबूती भी मिली है। लेकिन इस वर्ष लॉक डाउन के चलते फूल किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है किसान क्रेडिट कार्ड और बैंक से कर्ज लेकर फूल की खेती में पैसा लगाने वाले फूल किसानों को अब चिंता सता रही है कि बैंक की किश्त कैसे चुकाएंगे। बीकापुर क्षेत्र के पातुपुर दोहरी गांव के निवासी फूल की खेती करने वाले किसान शिवनारायन वर्मा ने बताया कि वह और उनके भाई सतनारायन वर्मा पिछले 15 वर्षों से विभिन्न प्रजाति के फूलों की व्यवसायिक खेती कर रहे हैं। उन्होंने गन्ना धान गेहूं सहित अन्य पारंपरिक फसलों को छोड़कर सिर्फ फूलों की खेती को प्राथमिकता दिया है। उन्हें इससे अन्य फसलों के अपेक्षा मुनाफा भी अधिक मिला है। मजदूरों से फूलों की तोड़ाई करने के बाद अयोध्या फैजाबाद और सुल्तानपुर मंडी में फूलों की बिक्री करने के लिए भेजते हैं। लेकिन लॉक डाउन के कारण फूल मंडी में नहीं पहुंच पा रहा है। और बिक्री बंद हो गई है। माली भी फूलों को लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। इस समय उन्होंने और उनके भाई सत्यनारायन ने अपने खेत में 10 बीघा चैती गुलाब, 3 बीघा चांदनी, 2 बीघा बेला और कुछ क्षेत्रफल में गेंदा के फूलों की खेती की गई है। सितंबर अक्टूबर माह में बुवाई की गई है।लेकिन बिक्री ना होने से फूलों के पौधे खेतों में सूख रहे हैं। निराई गुड़ाई भी नहीं हो पा रही है। मंदिर बंद होने, शादी विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक होने, दुकाने ना खुलने के कारण फूलों की डिमांड बंद हो गई है। जिसके कारण काफी नुकसान हो रहा है । इसी प्रकार क्षेत्र के मलेथू बुजुर्ग निवासी किसान हनुमान प्रसाद , बनकट निवासी राम उजागिर सहित अन्य कई किसान भी कई वर्षों से गेंदा के फूल की खेती कर रहे हैं। लेकिन फूलों की बिक्री ना होने से लागत भी निकलना मुश्किल हो गया है। फूल की खेती करने वाले किसानों द्वारा उम्मीद जताई गई है कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किए गए राहत पैकेज में उनके लिए भी आर्थिक राहत दी जाएगी।
