कश्मीर के हालात को लेकर शहला राशिद ने फैलाई अफवाह, लोगों ने उठाई गिरफ्तारी की मांग ,FIR दर्ज

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की पूर्व छात्र नेता और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता शहला राशिद (Shehla Rashid) कश्मीर के हालात को लेकर झूठ फैलाती हुईं पकड़ी गयी. जिसके बाद ट्विटर पर लोगों ने उनकी गिरफ़्तारी की मांग की. दरअसल, शेहला ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा था कि कश्मीर घाटी में हालात बेहद खराब हैं और सुरक्षाबल कश्मीरियों के साथ ज्यादती कर रहे हैं. शहला के झूठ की पोल खोलते हुए आर्मी ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है.
बता दें कि शेहला रशीद ने एक साथ कई ट्वीट करके भारतीय सेना पर कई आरोप लगाए थे. उन्होंने लिखा कि सेना जबरन लोगों के घर में रात में घुस रही है, लोगों के लड़कों को उठा रही है, घरों में तोड़फोड़ कर रही है, जानबूझकर अनाज को बिखरा रही है, तेल को चावल में मिला रही है. लोग कह रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में पुलिस के पास कोई अधिकार नहीं है, प्रदेश में कोई कानून व्यवस्था नहीं है. इन्हें बिना किसी ताकत के छोड़ दिया गया है, सब कुछ सेना के हाथ में है, एक एसएचओ को सीआरपीएफ के जवान की शिकायत के बाद ट्रांसफर कर दिया गया. एसएचओ के पास किसी भी तरह का कोई हथियार नहीं है.
शेहला ने आरोप लगाया है कि जिन लोगों के पास सैटेलाइट टीवी है, वह टीवी देख पा रहे हैं, लोगों के डी2एच प्लान खत्म हो रहे हैं, ये लोग दूसरे राज्य से ही टीवी रिचार्ज करा सकते हैंष मैंन खुद कुछ लोगों के डी2एच कनेक्शन को रिचार्ज किया है. प्रदेश में ब्लैकआउट होने की वजह से लोग इंटरव्यू नोटिफिकेशन आदि नहीं देख पा रहे हैं. मैंने खुद कुछ लोगों के घर भेजा है, उनतक इंटरव्यू की जानकारी पहुंचवाई है. इनके दोस्त फॉर्म डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि लोगों के फोन पर ओटीपी नहीं आ रहा है.
https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1162974932898205696?s=19
घाटी के हालात पर ट्वीट करते हुए शहला ने लिखा है कि घाटी में 7 बजे के बाद गैस स्टेशन, पेट्रोल पंप खुल रहे हैं, यह सिर्फ शहर, हाईवे पर ही उपलब्ध है. बहुत मुश्किल से लोगों को बेबी फूड मिल रहा है, लोगों के पास दवा खत्म हो गई है. श्रीनगर में बहुत ही कम लोगों को विरोध करने की अनुमति है, स्थानीय प्रेस पर प्रतिबंध लगा है, घर में एलपीजी गैस खत्म हो गई है, लोग खाना बनाने में मुश्किल का सामना कर रहे हैं. यही नहीं शेहला ने आरोप लगाया है कि शोपियां जिले में चार आदमियों को आर्मी कैंप में बुलाया गया था और उनसे पूछताछ की गई थी, उन्हें टॉर्चर किया गया. उनके पास एक माइक रखा गया, जिससे कि पूरा इलाका उसकी चीखों को सुन सके और दहशत में रहे। इसकी वजह से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है.
अधिकारी बोले– जम्मू में धारा 144 लागू लागू नहीं
जम्मू में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 144 को फिर से लागू करने की अफवाहों का खंडन किया है. यह धारा एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाती है. अधिकारी ने साथ ही जम्मू में स्कूलों के बंद होने से इनकार किया और कहा कि जिले में हालात पूरी तरह सामान्य हैं. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “धारा 144 को फिर से लागू करने व स्कूलों के बंद करने की अफवाह पूरी तरह निराधार है.जम्मू जिले के किसी भी हिस्से से किसी तरह की अवांछित घटना की सूचना नहीं है.”
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने भी हालात को स्पष्ट करते हुए बयान जारी किया. उन्होंने कहा, “राजौरी या गुज्जर नगर में कुछ घटनाओं के संदर्भ में अफवाहें फैलाई जा रही हैं. जम्मू में हड़ताल के संदर्भ में अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जिसकी वजह से पेट्रोल पम्पों पर लंबी कतारें हैं…इस तरह की अफवाहें झूठी हैं.” सिंह ने कहा, “इस तरह की कोई घटना नहीं हुई जैसा कि कहा जा रहा है. 2जी नेटवर्क अस्थायी रूप से कुछ तकनीकी वजहों से डिस्कनेक्ट किया गया है, जिसे सुधारा जा रहा है और जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने के प्रयास जारी हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.
ट्विटर पर उठी गिरफ्तारी की मांग
शहला राशिद द्वारा फैलाए झूठ के बाद ट्विटर पर उनके खिलाफ बड़ी संख्या में लोगों ने गिरफ़्तारी की मांग की. जिसके चलते#arrestShehlaRashid ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में पहुँच गया.
इससे पहले भी फैला चुकीं हैं अफवाह
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब शेहला ने इस तरह की अफवाहों को फैलाने का काम किया हो. इसी साल फरवरी में जब पुलवामा आतंकी हमला हुआ था तो उन्होंने कश्मीरी छात्रों की स्थिति पर फेक जानकारी फैलाने वाला ट्वीट किया था. जिसके बाद उनके खिलाफ उत्तराखंड के देहरादून स्थित प्रेम नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. शेहला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 505, 153 और 504 के तहत केस दर्ज किया गया. तब शेहला पर धर्म के आधार पर नफरत फैलाने का आरोप लगा था.
