July 27, 2024

अयोध्या: पैतृक गांव दुगवा रहीमपुर में मनाई गई शहीद मंगल पांडे की जयंती

0

अयोध्या-पूरा बाजार :1857 की क्रांति के सूत्रधार प्रथम बलिदानी होने का गौरव प्राप्त करने वाले शहीद मंगल पाण्डेय जैसे अमर सपूत ने जो कर्म पथ हमें दिया है। वह भोग विलास का नहीं बल्कि त्याग समर्पण संयम का पथ है। त्याग व संयम से ही देश की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखा जा सकता है अपना सर्वस्व न्यौछावर करैरा में मनाई गई शहीद मंगल पांडे की जयंतीकरने वाले अमर शहीद मंगल पाण्डेय से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए उक्त बातें मंगल पाण्डेय के पैतृक गांव दुगवा रहीमपुर में अमर शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय ने कही

स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास यद्यपि संघर्ष, साहस, त्याग, बलिदान, समर्पण व गौरव का उत्कृष्ट आख्यान है मंगल पांडेय अंग्रेजी फौज के साधारण सिपाही थे लेकिन अन्याय के प्रतिकार और शोषण के विरुद्ध लड़े जाने की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी थी। अंग्रेजों की एक कुटिल चाल के तहत ¨हदू और मुसलमान सिपाहियों का धर्म नष्ट होता था। इस घटना ने मंगल पांडेय का खून खौला दिया और उन्होंने एक अंग्रेज अधिकारी का काम तमाम कर दिया। मंगल पांडेय का कद नौ फुट ढाई इंच था। मंगल पांडेय के पिता दिवाकर पांडेय का जन्म पूराबाजार ब्लॉक की ग्राम पंचायत दुगवा रहीमपुर में हुआ था। दिवाकर पांडेय की ननिहाल तत्कालीन फैजाबाद की अकबरपुर तहसील और अब अम्बेडकरनगर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरहुरपुर मालीपुर में थी और वहीं 19 जुलाई 1827 को मंगल पांडेय का जन्म हुआ।

सन् 1857 की क्रांति अंग्रेजों के विरुद्ध आरपार की लड़ाई थी, जिसकी गोपनीय तौर पर व्यापक तैयारी हुई थी सैनिकों को विद्रोह करने के लिए जो तिथि बतायी गयी थी उससे थोड़ा पहले ही कारतूस और चर्बी वाली घटना हो गयी, जिसका विपरीत असर विद्रोह पर पड़ा लेकिन उस विपरीत असर से कहीं ज्यादा सकारात्मक असर भारतीय नौजवानों के दिलो दिमाग पर पड़ा। आगे चलकर मंगल पांडेय के बलिदान ने अंग्रेजों के ताबूत में कील ठोंकना शुरू किया। मंगल पांडेय ने जुनून में आकर जो कदम उठाया था उसका नतीजा न सिर्फ मंगल पांडेय को बल्कि उनके घर परिवार, रिश्तेदार फैजाबाद जनपद तथा पूरे अवध क्षेत्र को भुगतना पड़ा। दुगवा रहीमपुर पर भी अंग्रेजों का कहर हुआ था और लंबे समय तक भयवश लोग मंगल पांडेय से अपना संबंध बताने से कतराते थे। आजादी के बाद वरिष्ठ साहित्यकार अमृतलाल नागर ने पूरे प्रदेश में भ्रमण कर सन 1857 की क्रांति से संबंधित गदर के फूल नामक कृति तैयार की थी, जिसमें मंगल पांडेय का पैतृक गांव दुगवा रहीमपुर बताया गया। इसी गांव के स्वर्गीय राजकिशोर पांडेय अमर शहीद मंगल पांडेय के वंशज हैं उन्होंने अमर शहीद मंगल पांडेय स्मारक समिति बनाकर पिछले करीब दो दशक से आठ अप्रैल को पुण्य तिथि तथा 19 जुलाई को मंगल पांडेय की जयंती मनाते चले आ रहे हैं। विगत वर्ष राजकिशोर पांडेय के देहांत के बाद समिति की बागडोर उनके पुत्र अरुण कुमार पांडेय ने सम्हाल ली है ।

आयोजित गोष्ठी के मुख्य अतिथि गिरीश चंद्र त्रिपाठी रहे ,मौके पर सभी ने अमर शहीद मंगल पांडेय को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और संकल्प लिया कि देश के लिए अगर अपने प्राणों की न्यौछावर करने के जरूरत पड़े तो पीछे नही रहेंगे ,मौके पर सुनीलअमर ,उत्तम पांडेय,अनुपम पांडेय,डी एन पांडेय,बबलू पांडेय ,सचिन पांडेय व समस्त ग्रामवासी मौजूद रहे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !! © KKC News