अयोध्या :तमसा नदी पर बना पहला पुल, किसने और क्यों बनाया जानने के पढ़े पूरी खबर
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मोहम्मद अहमद के प्रयास से तमसा नदी पर बना पहला पुल,बच्चों को स्कूल भेजने के लिये ग्रामीणों ने जनसहयोग से बनाया लकड़ी का पुल,उद्गम स्थल के समीप एक सप्ताह के अंदर बनाया गया पुल।
मवई(अयोध्या) ! काम करने का जज्बा हो तो कोई भी काम असम्भव नही है।और इसको साबित करके दिखाया हुनहुना गांव के मोहम्मद अहमद ने।जो बच्चों को स्कूल जाने के लिए जनसहयोग से तमसा नदी पर 25 मीटर लकड़ी पुल का निर्माण किया।
बताते चले विकास खण्ड मवई के ग्राम हुनहुना से बसौढ़ी जाने वाले मार्ग पर तमसा नदी की खुदाई हो जाने से मार्ग पर बनी पुलिया को तोड़ दिया गया था।पुलिया के टूटने से हुनहुना गांव के लोगों को बसौढ़ी,मवई चौराहा पैगम्बर नगर जाने के लिये काफी दूरी से घूम कर जाना पड़ता था।पुलिया टूटने के बाद ग्राम वासियों ने तत्कालीन डी एम अनिल पाठक से पुलिया निर्माण की मांग की थी।ग्रामीणों की मांग पर डी एम ने शीघ्र ही पुलिया निर्माण कराने का आश्वासन भी दिया था।लेकिन इसी बीच उनका तबादला हो गया।ग्रामीणों ने पुलिया निर्माण की आस छोड़ कर खुद ही गांव वालों के सहयोग से बांस बल्ली के सहारे लकड़ी का पुल भी बना डाला।
इसी पुल से गाँव वाले बसौढ़ी,पैगम्बर नगर,मवई चौराहा आदि स्थानों पर जाते हैं।गाँव के बच्चे भी इसी रास्ते से पूर्व माध्यमिक विद्यालय,प्राथमिक विद्यालय तथा मदरसों में पढ़ने जाते हैं।हुनहुना गांव निवासी मोहम्मद अहमद ने बताया कि जनसहयोग से एक सप्ताह के अंदर 25 फुट लंबा व पांच फुट चौड़े इस कामचलाऊ लकड़ी के पुल का निर्माण कर व इसका उद्घाटन कर लोगों का आवागमन तो शुरू करा दिया गया है लेकिन हमेशा खतरे की आशंका सदैव बनी रहती है।उन्होंने जिलाधिकारी से अविलम्ब पुलिया निर्माण की मांग की है।इन्होंने बताया इस पुल के निर्माण में गांव के जुबेर अंसारी,बबलू,एखलाख,फुरकान,तफसीर,डा0अरमान,मो0आसिफ शेख,कासिफ शेख,सुरेश आदि लोगों ने सहयोग किया।
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