प्रकृति के पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिये हर मनुष्य लगाए पांच पौध-मुख्य वन संरक्षक विष्णु प्रताप।

अयोध्या जिले के रुदौली रेंज कार्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस व प्रदेश में होने वाले 22 करोड़ पौधरोपण महाकुम्भ को लेकर हुआ भव्य आयोजन।
कार्यक्रम में वनविभाग से प्रदेश व जनपद स्तर के अफसरों ने हिस्सा लेकर आगामी वर्षाकाल में होने वाले पौधरोपण में सहयोग करने का किया आवाहन
मवई(अयोध्या) ! अयोध्या वन प्रभाग द्वारा पांच जून को रुदौली रेंज कार्यालय परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस के भव्य आयोजन के साथ ही जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में होने वाले वन महोत्सव के जागरण का आगाज कर दिया है।साथ ही अयोध्या जनपद को माईक्रोप्लानिंग के तहत स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाने के लिए भी पहल शुरू कर दी है।इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्य वन संरक्षक विष्णु प्रताप सिंह ने विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर आए हुए ग्राम प्रधानों व रोजगार सेवकों व किसानों से अपील जारी करते हुए कहा कि हर व्यक्ति से कम से कम पांच पौध लगाने व उन्हें सुरक्षित रखने में अपनी महती भूमिका निभाये।इन्होंने कहा कि ये जिले के हर प्रधान रोजगार सेवक व आमजनमानस का नैतिक दायित्व है कि हम अपने प्रकृति के पर्यावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित रखें।इसके लिए प्राणवायु प्रदान करने वाले वृक्षों की आवश्यकता व महत्ता को बताते हुए उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण करने का आवाहन किया।इस अवसर पर अयोध्या मंडल के वन संरक्षक के0सी0 बाजपेई ने भी विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर जिले के रुदौली रेंज कार्यालय परिसर में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण का कार्य महान होता है।वृक्ष धरा के भूषण हैं इनके श्रृंगार है जो प्रकृति में संतुलन बनाये रखने का कार्य करते हैं।पुराणों और धर्मग्रंथों में भी वृक्षों की महिमा का गुणगान करते हुए एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान बताया गया है। वृक्ष हमारे जीवन-दाता हैं इसलिए सभी को वृक्ष लगाने के लिए आगे आना चाहिए।प्रभागीय वनाधिकारी डा0 रवि कुमार ने कार्यक्रम में सभी लोगों से अपने व परिवार के सदस्यों के नाम कम से कम 5-5 पौध लगाने व उनकी देखभाल करने की अपील की है।साथ ही पौधे लगाते समय बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी देते हुए बताया है कि पौधों के बीच कम से कम दो मीटर की दूरी होनी चाहिए। गड्ढे जून माह के अंत तक जरूर खोद लें और जुलाई की पहली बरसात के बाद पौधे रोपित कर दें। पौधे लगाने के बाद उनकी निरंतर सिंचाई, गुड़ाई और निराई भी करते रहें।वही जिले के उप प्रभागीय वनाधिकारी डा0 ए0के0 सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आम तौर पर पेड़ों और हरियाली के संरक्षण को दर्शाता है लेकिन व्यापक अर्थों में इसका तात्पर्य पेड़ों, पौधों, पशुओं, पक्षियों और पूरे ग्रह की सुरक्षा से है। वास्तव में पर्यावरण और जीवन के बीच एक अनूठा संबंध है। पर्यावरण संरक्षण मानव जाति के भविष्य और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है।एक उदाहरण देते हुए क्षेत्रीय वनाधिकारी ओम प्रकाश ने पौधरोपण की आवश्यकता के बारे में बताते हुए कहा कि मनुष्य 550 लीटर शुद्ध आक्सीजन एक दिन में लेता है।यदि मनुष्य के जीवन की औसत आयु 70 वर्ष मान ली जाए तो एक मे साल 2 लाख लीटर आक्सीजन चाहिए और पूरे जीवनकाल में 01 करोड़ 4 लाख लीटर चाहिए।जो प्रकृति द्वारा हमे मुफ्त में मिलता है।ये हम सबको सदैव मिलता रहे इस लिये प्रत्येक मनुष्य को हर वर्ष अपनी भविष्य की पीढ़ी के लिए आठ पौध लगाना चाहिए।इस अवसर पर डिप्टी रेंजर वीरेंद्र तिवारी सैय्यद ततहीर अहमद फॉरेस्टर नरेंद्र राव,जगदीश यादव,अरविंद मिश्र,हरिशंकर यादव,शीतला यादव,रुदौली प्रधानसंघ अध्यक्ष राम प्रेस यादव,शेर बहादुर यादव,प्रभात वर्मा,सहजराम,राजेश यादव एसआई रणजीत यादव आदि लोग उपस्थित रहे।
