काश ! कुम्भकर्णी नींद से जाग गया होता प्रशासन तो टल सकता था ये हादसा।

दर्दनाक हादसे की वजह बनी ड्राइवर को झपकी व टूटी पुलिया,अफसरों की उदासीनता से शारदा के पानी मे शमा गई चार जिन्दगियां।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रियों से भरी कार अनियंत्रित हो नहर में गिरी,असमय काल के गाल में समाई चार जिंदगी।
अयोध्या ! रुदौली कोतवाली क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार की भोर हुए दर्दनाक हादसे का मुख्य कारण ड्राइवर को झपकी व वर्षो से टूटी पड़ी पुलिया माना जा रहा है।पुलिया निर्माण के लिए शासन प्रशासन को क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्ध जनों द्वारा कई बार अवगत कराया गया लेकिन क्षतिग्रस्त पड़ी पुलिया नही बन सकी और रविवार को शारदा नहर के लबालब बह रहे पानी मे कई जिंदगियां असमय काल के गाल में समा गई।ग्रामीणों ने बताया कि आये दिन इस खतरनाक पुलिया पर हादसे होते रहते है।ग्रामीणों की सूचना पर यदि जिम्मेदार पहले ही अपने कुम्भकर्णी नींद से जाग जाते तो इस बड़े हादसे को टाला जा सकता था साथ ही इन नवजवानों की जिंदगी को भी बचाया जा सकता था।
बता दे कि कानपुर से कार यूपी 62 एवी 6144 पर सवार होकर पांच लोग वापस अपने घर ग्राम गौरी बाजार जनपद देवरिया जा रहे थे कि रविवार की भोर जिले की सीमा में प्रवेश करते हुए जैसे ही कर रौजागांव के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित शारदा सहायक नहर के पास पहुंची कि अचानक कार चालक को झपकी आ गई।जिससे अनियंत्रित कार ड्राइवर ब्रेक लगाते लगाते कार सहित सीधे नहर मे जा गिरा।कार मे साजिद अंसारी उम्र (24) वर्ष मो0 अंसारी (27) वर्ष अजय यादव (28) वर्ष निवासी विकास जायसवाल 27 वर्ष व मोनू अंसारी सवार थे।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने गोताखोरों की मदद से मोनू को साकुशल बाहर निकाल लिया।साथ ही साजिद,मो0 अंसारी,व अजय यादव के शव को बाहर निकाला।जबकि विकास जायसवाल का कोई सुराग नही लग रहा है।ईस हादसे के बाद बसपा के नगर अध्यक्ष चौधरी शहरयार ने एनएचआई व देख रेख कर रही कंपनी पी.एन.सी. पर आरोप लगाते हुए कहा कि हादसे की ज़िम्मेदार पूर्ण रूप से दोनों है क्यों कि पुलिया की रेलिंग कई वर्षों से जीर्ण शीर्ण अवस्था में थी।उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ड्राइवर के सोने की बात को कहकर अधिकारी मामले को दबाने में लगा है।वह लोग स्थानीय नहीं हैं इसलिए मामले में लीपा पोती की जा रही है।उन्होंने पी.एन.सी. के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर 10-10 लाख मृतकों के परिजनों को मुआबजे देने की मांग की है।
सर्च ऑपरेशन जारी पर नही लगा विकास का सुराग।
इस दर्दनाक हादसे के बाद एसडीएम ज्योति सिंह की अगुवाई में तहसील का पूरा प्रशासनिक अमला घटना स्थल पर पहुंच गया।और लगभग एक दर्जन अप्रशिक्षित गांव के गोताखोरों द्वारा नहर में सर्च ऑपरेशन चलाया।और तीन लोगों के शव को खोज निकाला।जबकि विकास जायसवाल के शव का कोई सुराग नही लगा।सीओ धर्मेन्द्र यादव का कहना है कि छानबीन जारी है लेकिन अभी विकास के शव का सुराग नही लग सका है।प्रयास जारी है।
