March 19, 2025

अब अदालत देखेगी ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का वीडियो, कन्हैया समेत 10 छात्रों पर दर्ज की गई है चार्जशीट

kaniya.gif

दिल्ली: जेएनयू कैम्पस में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट अहम सुनवाई करेगी। इससे पहले कोर्ट सोमवार को उस विवादित वीडियो फुटेज को देखेगी, जिसमे कतिथ तौर मर आरोपी बनाये गए लोगों देश के टुकड़े करने वाले नारे लगाए थे।

पटियाला कोर्ट अदालत ने इससे पहले पिछली सुनवाई में 27 फरवरी को हुई सुनवाई में दिल्ली सरकार द्वारा मंजूरी नहीं देने के चलते दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि केस पर सुनवाई बिना मंजूरी के शुरू की जाएगी।

अदालत के सामने मामले के जांच अधिकारी ने जानकारी दी थी की उन्हें अभी तक सरकार से जरूरी मंजूरी नहीं मिली है। इस पर अदालत ने कहा था कि आपने आरोपपत्र दाखिल करने में तीन साल लगा दिए और अब सरकार भी मंजूरी देने में तीन साल का समय लेगी।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमे आरोपित अनिर्बान भट्टाचार्य औैर उमर खालिद ने देशविरोधी नारे लगाए और कन्हैया कुमार ने उनका साथ दिया।

इससे पहले 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्नों का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। चार्जशीट में कन्हैया कुमार, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद व इतिहास के शोधार्थी अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया था। सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उतर गुल, रईस रसूल, बसरत अली व खालिद बशीर भट शामिल हैं।

इन सबके इलावा 12 में संदिग्धों में नाम भी लिखे थे जिसमे रामा नागा, आशुतोष, शेहला रशीद, डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, रुबैना सैफी, समर खान समेत 36 छात्रों को रखा गया है। कोर्ट के आदेश पर इन्हें भी आरोपित बनाया जा सकता है। कॉलम नंबर 12 संदिग्धों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading