July 27, 2024

उत्तर प्रदेश के इस मंदिर में 200 सालों से हैं दलित पुजारी

0

देश के कुछ हिस्से में दलितों के उत्पीड़न की खबरों के बीच यूपी के इटावा जिले की 200 साल पुरानी परंपरा में आशा की किरण नजर आ रही है. दरअसल, जिले के लखना कस्बे में यमुना नदी के किनारे बसे कालिका देवी मंदिर में आने वाले श्रद्धालु चाहे वे ब्राह्मण हों या ठाकुर या वैश्य सभी दलित पुजारी के आगे सिर झुकाते हैं.

पुरोहित अखिलेश और उनके भाई अशोक कुमार ने कहा, ‘पिछले 200 सालों से सिर्फ दलित ही काली मंदिर के पुरोहित हैं.’ इन दोनों के पूर्वज छोटे लाल इस मंदिर के पहले पुरोहित थे.

ब्राह्म्ण, ठाकुर और वैश्य श्रद्धालु पड़ोसी राज्य राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी यहां आते हैं. इलाके के ब्लॉक के प्रमुख तिरभुवन सिंह ने कहा, ‘मंदिर के पुजारी सभी उच्च जातियों के लोगों के लिए पूजनीय हैं, जो उन्हें माला और फल भेंट करते हैं. दलित पुजारी हवन कुंड में बैठते हैं, प्रार्थना करते हैं और आशीर्वाद देते हैं.

इसकी शुरुआत करीब 1820 में हुई थी, जब स्थानीय प्रशासक जसवंत राव ने मंदिर का निर्माण कर छोटे लाल को पहला पुजारी घोषित किया था. उन्होंने ऐसा दलित जाति को सम्मान देने के लिए किया था.

लखना निवासी दलित पुजारी को शादी, मुंडन और अन्य संस्कार के लिए भी बुलाते हैं. एक अन्य निवासी राम दास ने कहा, ‘इस कोलाहाल वाले माहौल में लोगों को 200 साल पुराने स्थान को देखने की जरूरत है, जहां दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पुजारी को उच्च दर्जा प्राप्त होता है. यह लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है’.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !! © KKC News