सर्वे: दो साल के शासनकाल में योगी के खिलाफ असंतोष बढ़ा, गिरी लोकप्रियता, अखिलेश यादव को मिली बढ़त
एक्सिस माई इंडिया और इंडिया टुडे के सर्वे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज डेटा के मुताबिक दो साल के योगी शासनकाल में उनके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर बढ़ गया है। सर्वे के मुताबिक 35 फीसदी लोगों ने उनके कामकाज पर असंतोष जताया है।
तीन महीने पहले सितंबर 2018 में जब सर्वे किए गए थे तब 43 फीसदी लोगों की पसंद के तौर पर योगी आदित्यनाथ थे लेकिन अब उनकी लोकप्रियता का ग्राफ गिरकर दिसंबर के तीसरे हफ्ते तक 38 फीसदी पर आ गया है।
उधर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लोकप्रियता में उछाल आया है। तीन महीने पहले उन्हें सीएम को तौर पर 29 फीसदी लोगों ने पसंद किया था जो अब आठ फीसदी बढ़कर 37 फीसदी हो गया है।
यानी मौजूदा मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच लोकप्रियता में मात्र एक फीसदी का अंतर रह गया है। हालांकि, पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती की लोकप्रियता में तीन फीसदी की कमी आई है। तीन महीने पहले वो 18 फीसदी लोगों की पसंद थी जो अब 15 फीसदी पर आ गया है।
पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के नतीजों से परेशान भाजपा के लिए एक और सर्वे के नतीजे परेशान करने वाले हैं। पार्टी के फायर ब्रांड नेता और स्चार प्रचारकों में शामिल रहे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ राज्य में असंतोष बढ़ गया है। आलम यह है कि तीन महीने के अंदर उनकी लोकप्रियता में पांच फीसदी की गिरावट आई है।
पीएसई डेटा की तुलना जब उन तीन राज्यों से की गई, जहां भाजपा ने सत्ता गंवाई है तो पता चला कि तीन कार्यकाल के बाद भी शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह की लोकप्रियता इतनी नहीं घटी जितनी दो साल के अंदर ही योगी आदित्यनाथ की घटी है।
नवंबर में एमपी में सीएम के तौर पर शिवराज सिंह चौहान 44 फीसदी लोगों की पसंद थे जबकि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह भी इतने ही लोगों की पसंद थे। राजस्थान में वसुंधरा भी 31 फीसदी लोगों की सीएम पसंद थीं।
सर्वे में 35 फीसदी लोगों ने साफ तौर पर कहा कि वे लोग योगी आदित्यनाथ के कामकाज से खुश नहीं हैं। सर्वे में 32 फीसदी लोगों ने यूपी में बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बताया है। इसके अलावा महंगाई को 21 फीसदी, खेतीबारी और किसानों के संकट को 17 फीसदी और हिन्दू-मुस्लिम टकराव को 9 फीसदी लोगों ने बड़ी समस्या बताया है।
हालांकि, पीएम मोदी को लेकर लोगों में अच्छा रेस्पॉन्स देखने को मिला। तीन महीने के अंदर लोगों ने पीएम की लोकप्रियता का ग्राफ तीन फीसदी ऊपर चढ़ा दिया है। नरेंद्र मोदी को दूसरी बार पीएम के तौर पर पसंद करने वालों की संख्या अब 51 फीसदी है, जो तीन महीने पहले 48 फीसदी थी। यानी राज्य में अभी भी नरेंद्र मोदी पर ही लोगों की उम्मीद टिकी हुई है। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी लोकप्रियता में तीन महीने के अंदर चार फीसदी का उछाल आया है। सितंबर में उन्हें 22 फीसदी लोगों ने पीएम पद के लिए पसंद किया था जो अब बढ़कर 26 फीसदी हो गया है।