पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हुई बैठक में नहीं सुलझा मामला,विधानसभा में भी गूंजेगा ये मुद्दा,कर्मियों-शिक्षकों ने हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी

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लखनऊ ! पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पेंशन बहाली मंच और अधिकारियों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद मंच के पदाधिकारियों ने मांगे नहीं माने जाने पर समय से पहले हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। मंच के मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पेंशन निदेशालय को इस मामले से संबंधित 1.20 लाख ई-मेल मिले हैं। इससे मंच की मुहिम को बल मिला है।सोमवार को हुई बैठक में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई समिति में शामिल अधिकारियों ने नई पेंशन नीति को कर्मचारी और शिक्षकों के हित में बताया। समिति का कहना है कि केंद्र ने नई पेंशन योजना में कई संशोधन किये हैं, जिससे कर्मचारी शिक्षकों को लाभ होगा, लेकिन मंच के नेता अपनी पुरानी मांग पर अड़े रहे।आगामी जनवरी महीने की शुरुआत में प्रदेश का दौरा कर जनजगारण अभियान के बाद अंतिम सप्ताह में जनपद मुख्यालयों, राजधानी में एक दिवसीय धरना और शाम को मशाल जुलूस निकाला जाएगा। उच्चाधिकार समिति की बैठक कर फरवरी के दूसरे सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय है, लेकिन मंच इससे पहले भी हड़ताल का निर्णय ले सकता है।सोमवार को हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल की अध्यक्षता में अपर मुख्य सचिव नियोजन दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, निदेशक पेंशन रंजन मिश्रा, मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी और अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा मौजूद रहे।

संयुक्त संघर्ष संचालन समिति ने की 20 को रैली की घोषणा

संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल होने तक संघर्ष जारी रहेगा। इस संबंध में 20 दिसंबर को ईको गार्डेन में पेंशन बचाओ रैली के आयोजन का एलान किया। उन्होंने प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों से कहा कि सरकार की ओर से पेंशन को लेकर गठित समिति का बहिष्कार करेंगे।महासचिव आरके निगम ने कहा कि 20 दिसंबर को बड़ी तादात में शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी रैली में शामिल होंगे। इस मौके पर योगेश त्यागी, सुशील पांडे, विनय कुमार सिंह, जुबैर अहमद मोजूद रहे।

विधानसभा में भी गूंजेगा पुरानी पेंशन का मुद्दा

बसपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने पुरानी पेंशन लागू किए जाने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विधानसभा में रखेंगे अब देखना होगा की बीजेपी सहित अन्य दल के विधायक इसका विरोध करते हैं अथवा समर्थन।फिर हाल कर्मचारियों ने विधायक राजभर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे सभी जनप्रतिनिधियों को चाहिये कि कर्मचारियों को उनका हक दिलाने में मदद करे।

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