5 जून विश्व पर्यावरण पर विशेष : प्रकृति और मानवता के संतुलन की ओर अग्रसर अयोध्या

हरियाली की कवायद: जिले के प्रत्येक ब्लॉक तैयार किए जाएंगे पांच पांच मियावाकी वन,ग्राम पंचायतों में भूमि का हुआ चिन्हांकन,प्रारंभिक कार्य भी हुआ शुरु।
अयोध्या : पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जनपद अयोध्या में इस बार एक नई पहल शुरु की गई है।जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में छोटे छोटे जंगल तैयार करने की योजना बनाई गई है।इन जंगलों में जापान की प्रसिद्ध विधि मियावाकी पद्धति से पौधों का रोपण किया जाएगा।ये पौधे क्षेत्रीय प्रजाति के होंगे।इस विधि से कम दूरी पर लगने वाले पौध तैयार होने के बाद ये पूरा वन(जंगल) बेहद खूबसूरत व आकर्षक दिखेगा।जो अयोध्या जिले को हरियाली के क्षेत्र में तब्दील करने में सहायक होगा।
बताते चले कि गांव को हरा-भरा बनाने और लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने गांव गांव वन उगाने की योजना बनाई है।इस नई योजना के तहत अयोध्या जिले में भी गांवो का चयन कर भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है।मवई ब्लॉक की बीडीओ भावना यादव ने बताया कि ये ब्लॉक स्तर से बड़ा प्रयास है।इस नए प्रयास से हरियाली बढ़ाने के लिए जापान की मियावाकी पद्धति को अपनाकर घने मिनी वन तैयार किए जा सकते हैं।विकासखंड मवई क्षेत्र बसौड़ी कसारी बरतरा कुशहरी रतनपुर ये पांच गांवो का चयन किया गया है।जिनमें इस नए पद्धति से मिनी वन तैयार किए जाएंगे।मवई के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा ने बताया चयनित पांचों ग्राम पंचायतों में विभिन्न क्षेत्रीय प्रजाति के लगभग 10-10 हजार पौध उगाए जाएंगे।तकनीकी सहायक आशीष तिवारी ने बताया मियावाकी पद्धति से तैयार किए जाने वाले इन जंगलों में करीब 15 लाख रुपए का खर्च आएगा।
कम समय में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सहायक होगा ये मिनी वन
अयोध्या जिले के अफसर अपने ब्लॉक क्षेत्र के गांवो में जापान के डॉक्टर अकीरा द्वारा तैयार की गई मियावाकी विधि का प्रयोग कर कम समय में एक ऐसा प्राकृतिक मूल वन को तैयार करेंगे।जो अधिक मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड को अवशोषित कर पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सहायक होगा।चूंकि मियावाकी विधि से लगाए जाने वाले पौधे 10 गुना तेजी से बढ़ते हैं और कम समय में ही 30 गुना घने हो जाते हैं।जो हरियाली बढ़ाने और स्वच्छ हवा देने के साथ साथ प्रदूषण को रोकने में भी सक्षम हो जाते है।
जिले में डेढ़ करोड़ रुपए से तैयार किए जाएंगे करीब 59 वन
जिला कार्यक्रम अधिकारी(डीसी)मनरेगा सविता सिंह ने बताया इस नई पहल के तहत जिले के प्रत्येक ब्लॉक में पांच पांच ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है।जहां मियावाकी पद्धति से कुल लगभग 59 मिनी वन तैयार किए जाएंगे।जिसमें करीब डेढ़ करोड़ के आस पास का खर्च आने का अनुमान है।पौधों की बात की जाय तो इन सभी वनों में क्षेत्रीय प्रजाति के करीब साढ़े 6 लाख पौध लगाए जाएंगे।इन्होंने बताया कि जापान की यह मियावाकी विधि कम समय में घने, आत्मनिर्भर वन बनाने में मदद करती है।
