Ayodhya-ये कैसा विकास: आजादी के बाद भी मिल्कीपुर के इस गांव में नहीं पहुंची बिजली

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आजादी के बाद से मिल्कीपुर का पूरे गलरी विद्युतीकरण से अछूता।

सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी नहीं परवान चढ़ सकी सौभाग्य योजना।

मिल्कीपुर अयोध्या।
केंद्र एवं प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी आजादी के बाद से आज तक मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत दसौली ग्राम पंचायत का एक मजरा विद्युतीकरण प्रक्रिया से वंचित है जिसका परिणाम है कि ग्रामीण रात के अंधेरे में जिंदगी व्यतीत करने को मजबूर हैं। विभागीय अनदेखी की मार झेल रहे ऐसे अभागे ग्रामीणों के सामने सरकार की ओर से केरोसिन आयल वितरण पूर्णतया बंद कर दिए जाने के बाद से गहरा संकट पैदा हो गया है। यही नहीं गांव को बिजली करण से संतृप्त किए जाने संबंधी क्षेत्रीय विधायक द्वारा की गई पहल और विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखा गया पत्र भी हवा हवई साबित हुआ और उनके विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराए जाने संबंधी पत्र विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों ने बिना कार्यवाही की रद्दी की टोकरी में डाल दिया। थक हार कर ग्रामीणों ने अब अपने गांव में विद्युतीकरण प्रक्रिया पूर्ण कराए जाने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑनलाइन शिकायत प्रणाली जनसुनवाई का सहारा लिया है। दर्जनों की संख्या में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को शिकायती प्रार्थना पत्र भेजकर विद्युतीकरण कराए जाने की मांग की है।
बताते चलें कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार की ओर से हर घर को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराए जाने संबंधी विशेष अभियान विगत कई वर्षों से चलाया जा रहा है। जिसके तहत सौभाग्य योजना के तहत समूचे जनपद के हर गांव के गलियों को विद्युतीकरण की प्रक्रिया से आच्छादित किया गया किंतु मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत दसौली अंतर्गत पूरे गलरी आज भी विद्युतीकरण प्रक्रिया से पूरी तरह से अछूता है। जिसका खामियाजा है कि ग्रामीण रात के अंधेरे में अपने घरों में रहने को मजबूर है। ग्रामीणों ने अपने गांव में विद्युतीकरण कराए जाने को लेकर क्षेत्रीय विधायक गोरखनाथ बाबा से भी शिकायत की थी जिसके उपरांत विधायक श्री बाबा ने मुख्य अभियंता मध्यांचल विद्युत वितरण मंडल अयोध्या को विद्युत आपूर्ति तथा विद्युत खंभा लगाए जाने हेतु पत्र बीते 15 सितंबर 2020 को प्रेषित किया था। किंतु विधायक के पत्र को भी विद्युत विभाग के अधिकारियों ने तवज्जो नहीं दिया जिसके चलते आज भी विद्युत समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है। विद्युतीकरण प्रक्रिया से वंचित पूरे गलरी गांव के ग्रामीणों के सामने तो अब अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि प्रदेश सरकार की ओर से आवश्यक वस्तुओं के वितरण में शामिल केरोसिन आयल वितरण को पूर्णतया बंद कर दिया है जिसके चलते अब उन्हें ढिबरी की भी रोशनी नसीब नहीं हो पा रही है। इस संबंध में जब अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण एके शुक्ला से जानकारी हेतु उनके सीयूजी मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। उपखंड अधिकारी मिल्कीपुर अमित कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से ग्रामीण विद्युतीकरण के चलाई गई अब तक की योजनाएं बंद हो चुकी हैं। ऐसे वंचित गांवों में विद्युतीकरण हेतु सारी प्रक्रिया पूर्ण कर विभागीय उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया जा चुका है। जल्दी ही सरकार विद्युतीकरण हेतु कोई दूसरी योजना लांच करेगी। जिसके तहत विद्युतीकरण करा दिया जाएगा। इस प्रकार से जब महत्वपूर्ण सौभाग्य योजना के तहत गांव का विद्युतीकरण विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नहीं करा सके तो भविष्य में आने वाली योजना के तहत उनके द्वारा विद्युतीकरण हेतु कितनी तेजी दिखाई जाएगी यह तो भविष्य के गर्त में है।

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