अयोध्या : लाखो रुपये की लागत मे बने एएनएम सेंटर दुर्दशा का शिकार 

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रुदौली(अयोध्या) ! स्वास्थ्य विभाग व ग्राम प्रधान की मिली भगत से लाखो रुपये की लागत मे बने एएनएम सेंटर दुर्दशा का ढंश झेल रहे है। एक दशक पहले बने एएनएम सेंटर का खुलने से पहले ही खण्डहर मे तब्दील हो चुके है।शासन से रंग रोगन व मरम्मत के नाम पर मिलने वाली धनराशि भी बंदर बाट की भेट चढ़ चुकी है। ऐसा हम नही बल्कि ग्रामीणों का कहना है। मामला रुदौली तहसील क्षेत्र के शुजागंज बाजार का है जहा पर एक दशक पहले एएनएम सेंटर की स्थापना लाखो रुपये की लागत मे करायी गयी थी। यह सेटर गर्भवती महिलाओ को सुविधा प्रदान करने को लेकर शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम सभा मे खोला गया था। लेकिन यह सभी सेंटर देखरेख के आभार मे खण्डहर में तब्दील हो गया ग्रामीणो ने बताया कि एएनएम कभी भी सेन्टर नही आती है और ग्राम प्रधान से मिली भगत कर शासन से आने वाले रंग रोगन व मरम्मत के फण्ड का बंदर करने का भी आरोप है।सेंटर की हालत देख कर यह कहना गुरेज नही है कि शासन के पैसे मे बंदरबांट न हुआ होवही सीएचसी प्रभारी पी के गुप्ता ने बताया कि शासन से प्रत्येक वर्ष 10 हजार रुपये सेंटर की मरम्मत व रंगाई पुताई के लिए ग्राम प्रधान व एएनएम के खाते मे आता है। पैसे का हिसाब आज तक किसी ग्राम प्रधान ने नही दिया है। दर्जनो केद्र जर्जर है जिन की सूची तैयार कराकर शासन से मरम्मत की मांग की जायेगी। प्रत्येक वर्ष आने वाले दस हजार रुपये को बंदरबाट का किसी के पास जबाब नही है। एएनएम कुसुम लता ने बताया कि प्रतिदिन जाती हूं न आने का आरोप निराधार है। उपकेन्द्र हमारे आने से पहले ही जर्जर हो चुका था मै उसको अपने हैण्ड ओवर नही लेना चाहती थी। जो प्रत्येक वर्ष 10 हजार रुपये अन्टाइन खाते मे आता है वह खाता हमने आशा वहू को हैण्ड ओवर कर दिया है। ग्रामीणो का कहना है कि शासन द्वारा प्रत्येक वर्ष आने वाली धनराशि अन्टाइन फंड ग्राम प्रधान व एएनएन के सयुक्त खाते में आता है आशा बहू को केवल मोहरा बनाया जा रहा है।

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