बाराबंकी : अन्नदाताओं के खातें में नहीं पहुंच सकी पीएम मोदी की ‘संजीवनी’
दरियाबाद (बाराबंकी) : लॉकडाउन में अन्नदाता के लिए पीएम किसान सम्मान निधि किसी संजीवनी से कम नहीं है। महामारी आपदा में खेत में अन्न सहेज रहे सम्मान निधि से वंचित किसान भगवान की तकलीफें बढ़ी हुई हैं। किसान ने पंजीकरण के लिए कागजात दिए, फीडिंग भी हुई। लेकिन अफसरों की लापरवाही से तमाम किसानों के खातें में पीएम मोदी की संजीवनी नहीं पहुंच सकी है। आपदाकाल में सम्मान निधि से मरहम लगने की आस लगाए किसान निराश हैं। घोषणा के बाद से न जाने कितनी बार बैंक के चक्कर काट चुके किसान, मायूस होकर लौट रहे हैं। त्रुटि के कारण धनराशि खातें में नहीं पहुंच पाई है।दरियाबाद ब्लाक क्षेत्र सैकड़ों अन्नदाता पीएम किसान सम्मान निधि से वंचित रह हो गए। किसी के खातें दूसरी क़िस्त के बाद नहीं आई तो किसी में एक क़िस्त भी नहीं आ सकी है। सम्मान निधि से वंचित किसी अन्नदाता का नाम में त्रुटि बता रहा है, तो किसी का आधार सत्यापित न होना कारण बन रहा है। कुशफर में कुल 196 किसान वंचित हैं। यहां के किसान जयसीराम, हीरालाल, चांदनी आदि बताते है कि अब तक पांच किश्ते मिलनी चाहिए थी, लेकिन फीडिंग में हुई त्रुटि के कारण नहीं आ पाई है। कुशफर के भरतपुर निवासी अन्नदाता पैरालाइसिस अटैक से पीड़ित हीरालाल पुत्र रामनाथ का खाता सेंट्रल बैंक में हैं, लेकिन आईएफसी कोड ग्रामीण बैंक फीड किया गया। 5 किस्त शो हो रहा, पर खाते में कुछ नहीं आया। किसान काफी परेशान है। यहां के जैसीराम के अंग्रेजी नाम में स्पेलिंग में अंतर होने के कारण धन नहीं आया। कुशफर के बाबूलाल पुत्र बद्रीप्रसाद का खाता नंबर ही गलत दर्शा रहा है। जिससे किस्तें लंबित हैं। यहां के दयाराम पुत्र मंगल के नाम में स्पेस है, जिससे तीसरी क़िस्त लंबित दिखा रही है। लक्ष्मणपुर की विन्धेश्वरी की स्पेलिंग गलत है, वहीं भारतपुर की चांदनी का आधार नंबर दस अंकों का ही फीड है। जिससे इन्हें सम्मान निधि नहीं मिल सका। ऐसे करीब सैकड़ों अन्नदाता है, जिन्हें धन नहीं मिल सका है।