डंके की चोट पर कह रहा हूं, जिसको विरोध करना है करे, नहीं वापस होगा CAA :अमित शाह
लखनऊ:नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रामकथा पार्क में एक जनसभा की। यहां अपने भाषण में उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रही हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुज पार्टी, तृणमूल कंग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इसकी वजह से इस देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। ममता दीदी, राहुल बाबा, अखिलेश यादव चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच तलाश लो, हमारा स्वतंत्र देव चर्चा करने के लिए तैयार है। सीएए के खिलाफ राहुल बाबा, ममता, अखिलेश, मायावती समेत सारी ब्रिगेड कांव-कांव कर रही है। मैं लखनऊ की भूमि से डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसे विरोध करना हो करे, सीएए वापस नहीं होगा।
अमित शाह ने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो करना चाहिए वह करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।। उन्होंने कहा कि दो साल पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के अंदर देश विरोधी नारे लगे। मैं जनता से पूछने आया हूं कि जो भारत माता के एक हजार टुकड़े करने की बात करें, उसको जेल में डालना चाहिए या नहीं। मोदी जी ने उनको जेल में डाला और ये राहुल ऐंड कंपनी कह रही है कि यह बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार है।
इस दौरान सपा अध्यक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बिना पढ़े ही सीएए का विरोध कर रहे हैं, पहले पढ़ा करें फिर बोला करें। मंच पर पांच मिनट बोलकर दिखाओ जो देश विरोधी नारे हैं, उसे यूपी की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। ममता दीदी इतनी जोर से बोलती है कि, लगता है इन्हें हो क्या गया है? दलित बंगालियों को नागरिकता मिल रही है, उसमें आपको तकलीफ क्या है।
वहीं, कांग्रेस पर बरसते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के 2 टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगनिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग। कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। तब से शरणार्थियों के आने का सिलसिला चल रहा है। नरेंद्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।