बीकापुर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ,रुक्मणी विवाह का रोचक वर्णन

बीकापुर। क्षेत्र के महांवा गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा के छठवें दिन सोमवार को रुक्मणी विवाह का रोचक वर्णन कथा व्यास पंडित दुर्गेश्वरानंद महाराज जी ने किया। कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के सोलह हजार एक सौ आठ विवाह में से रुक्मणी मंगल का सजीव झांकी के माध्यम से चित्रण किया।अपने प्रवचनों में कथाव्यास जी ने बताया कि श्री कृष्ण के पास जब रुक्मणी ने संदेश भेजा था कि रुक्मणी के घरवाले इनका विवाह कहीं और करना चाहते हैं तब उन्होंने श्री कृष्ण से कहा वह श्री कृष्ण से ही विवाह करना चाहती हैं क्योंकि विश्व में उनके जैसा अन्य कोई पुरुष नहीं है,भगवान श्री कृष्ण के गुणों और उनकी सुंदरता पर मुग्ध होकर रुक्मणी ने मन ही मन निश्चय किया कि वह श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी को भी पति के रूप में वरण नहीं करेंगी, उधर श्री कृष्ण भगवान को भी इस बात का पता लग चुका था कि रुकमणी परम रूपवती तो है ही इसके साथ साथ परम सुलक्षणा भी हैं,अपने वर्णन में उन्होंने बताया कि भीष्मक का बड़ा पुत्र रुकनी भगवान श्री कृष्ण से शत्रुता रखता था वह अपनी बहन रुक्मणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था।परंतु उसकी एक न चली और रुकमणी श्रीकृष्ण विवाह सकुशल सम्पन्न हुआ।कथा के दौरान राकेश यादव, अशोक कुमार वर्मा,सहदेव चौरसिया आदि मौजूद रहे।
