अयोध्या : राम कथा-विप्र धेनु सुर संत हित,लीन्ह मनुज अवतार

श्रीरामलीला समिति, रूदौली के तत्वाधान में दूसरे दिन राम जन्म व ताड़का वध का हुआ मंचन
रूदौली(अयोध्या) ! श्री रामलीला समिति, रूदौली अयोध्या के तत्वाधान में मंचन के 130वें वर्ष के द्वितीय दिवस भगवान रामजन्म व ताड़का वध के प्रसंग का मंचन हुआ। अयोध्या नरेश दशरथ ने पुत्र की कामना से श्रृंगी ऋषि को बुलाकर पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। पूर्व नियत रूप से भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में जन्म लिया। राजपुरोहित महर्षि वशिष्ठ ने कौशल्या के पुत्र का नाम राम, कैकेयी के पुत्र का नाम भरत तथा सुमित्रा के दोनों पुत्रों का लक्ष्मण व शत्रुघ्न नाम रखा। राजा दशरथ के के चार पुत्र होने के समाचार से पूरे अवध में उत्सव का वातावरण हो गया। पुरवासियों ने बधाई गीत गाये। ऋषि मुनि राक्षसों के अत्याचार से दुखी होकर व्यथित हो जाते हैं। विश्वामित्र राक्षसों का संहार करने के लिए दशरथ के पास जाकर उनके दो पुत्रों राम लक्ष्मण को यज्ञ आदि अनुष्ठान की रक्षा के लिए मांग कर ले आते हैं। ताड़क वैन में निवास करने वाली दुर्दांत राक्षसी ताड़का व सुबाहु व अनेक निशिचरों का का भगवान के हाथों वध होता है। अभिनय की दृष्टि से दशरथ का अभिनय कर रहे अनुराग अग्रवाल व ताड़का का अभिनय करने वाले मनीष चौरसिया ने दर्शकों को खूब प्रशंसा बटोरी। समिति के आशीष शर्मा ने बताया कि ताड़का की वेशभूषा के लिए विशेष तैयारियां की गई गयी थीं जिसे दर्शकों से सराहा। डिजिटल मंच व तकनीक के प्रयोग ने ताड़का वध का प्रसंग जीवंत हो उठा। मंचन के तीसरे दिन नगर दर्शन व फुलवारी की लीला का मंचन होगा।
