सात जन्म तो दूर, सात महीने भी पत्नी के साथ नहीं रहा ‘शहीद हर्ष’

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रविवार की रात अमरोहा में शहीद हुए सिपाही हर्ष चौधरी की शहादत को सभी ने सलामी दी। पर, क्या आपको पता है कि हर्ष के परिवार को फर्क नहीं पड़ता इन सांत्वनाओं से, इन मुआवजे से रुपयों से। इसकी वजह भी एक दम साफ़ है क्योंकि महज छह माह पहले हुई शादी के बाद ही एक पत्नी ने अपने पति को खो दिया। मां-बाप ने अपने बुढ़ापे का इकलौता सहारा खो दिया।

पति के शहीद होने की खबर मिलते ही पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। क्योंकि हर लड़की की तरह उसने भी सात जन्म साथ रहने की कसमें खाईं थी लेकिन किसी और की लापरवाही की वजह से शादी के महज छह महीने बाद उसका पति उसे छोड़ के चला गया।

कप्तान की गलती आयी सामने

अमरोहा में कप्तान विपिन टाडा सही तरह से प्लान करके ये अभियान शुरू नहीं किया था। आधी अधूरी तैयारियों के बीच ही यह मुठभेड़ हुई थी। जिसकी वजह से किसी परिवार ने अपना चिराग खो दिया।

इस मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हमने एक वीर जवान खोया है,सम्पूर्ण पुलिस परिवार इस दुःख की घड़ी में परिजनों के साथ है। बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि हम यूं ही एनकाउंटर करते रहेंगे। बदमाशों के प्रति ये अभियान हमेशा जारी रहेगा। साथ ही सिपाही की शहादत को भी हम हमेशा याद रखेंगे।

ऐसे हुई मुठभेड़

बछराऊं थाने के दो दरोगा और चार कांस्टेबल रविवार की शाम लगभग साढ़े छह बजे गांव इंद्रपुर में हिस्ट्रीशीटर शिव अवतार यादव के सत्यापन के लिए इंदरपुर गए थे। वह अपने घर में नहीं मिला। बताया गया कि वह अपने खेत में गया है। पुलिस की टीम बताए गए स्थान पर गन्ने के खेत के करीब पहुंची तो शिव अवतार ने फायर झोंक दिया। गोली पुलिस टीम में शामिल कांस्टेबल हर्ष चौधरी के सीने में लगी, वह वहीं गिर गया।

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