अखिलेश का CM योगी को तंजः साधु-संतों, राम-सीता, रावण को भी पेंशन दें

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिलेश यादव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी को आडे हाथ लेते हुए करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग संस्कृति और समाज का ढंका पीटते हैं उनकी भाषा कल देखी आपने, बीएसपी की नेता आदरणीय मायावती जी के लिए जिस स्तर की घटिया भाषा का इस्तेमाल किया वह गलत है।
अखिलेश ने कहा है कि योगी सरकार साधु-संतों को भी पेंशन दे। उन्होंने कहा कि हमने तो रामलीला के पात्रों को पेंशन देने की स्कीम शुरू की थी। सीएम योगी भी राम और सीता को पेंशन दें और राम-सीता से बचे तो रावण को भी पेंशन दें। अखिलेश ने इस दौरान मायावती पर बीजेपी विधायक के बयान पर पलटवार करने के साथ ही कहा कि देश को नए प्रधानमंत्री का इंतजार है।
अखिलेश ने इस दौरान पेंशन के बहाने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘साधु-संतों को कम से कम 20 हजार महीने पेंशन मिले और यश भारती और समाजवादी पेंशन भी शुरू हो जाए। रामायण पाठ और रामलीला वालों को भी पेंशन मिले।’ एसपी अध्यक्ष ने कहा कि नया भारत बनाने का काम नौजवान करेंगे जो सपना देखते हैं, संघर्ष करते हैं। सबसे शानदार युवाओं का संगठन समाजवादी पार्टी में है।
अखिलेश यादव ने कहा कि इनके पास ( BJP) काम का कोई ब्यौरा नहीं है इसलिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस बार चुनाव में जनता उन्हें जवाब देने के लिए तैयार बैठी है।
हालांकि बाद में बीजेपी की महिला विधायक साधना सिंह ने अपने बयान पर खेद जताया है। साधना सिंह की ओर से जारी किए गए बयान में उन्होंने लिखा कि मेरा मकसद किसी को अपमान करने का नहीं था। मैं बस 2 जून, 1995 को गेस्ट हाउस कांड के दौरान मायावती की बीजेपी नेताओं द्वारा की गई मदद को याद दिलाना चाहती थी।
आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस से किनारा कर सपा और बसपा ने गठबंधन किया है।
