February 16, 2025

मिल्कीपुर में पासी बनाम पासी की हुई लड़ाई, बीजेपी ने किया अपने प्रत्याशी का ऐलान

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यूपी के अयोध्या जनपद से बड़ी खबर।बीजेपी ने मिल्कीपुर के विधानसभा उपचुनाव में चंद्रभान पासवान को दिया टिकट।पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे चंद्रभान।चंद्रभान पासवान का सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद से होगा मुकाबला। 5 फरवरी को होना है मतदान।खबर विस्तार से

यूपी के अयोध्या की हाई-प्रोफाइल विधानसभा सीट मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने अपने प्रत्यासी के नाम की घोषणा कर दी है।बीजेपी द्वारा जारी की गई सूची में चंद्रभान पासवान का नाम।यानि मिल्कीपुर के उपचुनाव में भाजपा ने नए चेहरे पर दांव लगाते हुए चंद्रभान पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है।चंद्रभान का मुकाबला समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद से होगा।अजीत प्रसाद सपा बर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे है।अवधेश प्रसाद के सांसद निर्वाचित होने की वजह से मिल्कीपुर सीट रिक्त हुई थी। मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए 5 फ़रवरी को मतदान होगा और परिणाम 8 फरवरी को आएंगे।आपको बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 10 जनवरी को शुरू हो गई थी। नामांकन का आखिरी दिन 17 जनवरी है।खरमास की वजह से किसी भी दल के प्रत्याशी ने अभी तक नामांकन नहीं किया है।मकर संक्रांति के पर्व के साथ ही खरमास की समाप्ति हो गई है,लिहाजा 15 जनवरी से प्रत्याशी अपना नामांकन कर सकते हैं।

इस विधानसभा उपचुनाव में बसपा की ओर चुनाव न लड़ाने की घोषणा से सपा व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा।हालांकि चंद्रभान पासवान पहली बार विधानसभा के चुनाव में ताल ठोकने के लिए मैदान लिया है।

इससे पहले अवधेश प्रसाद ने यहां के भाजपा प्रत्यासी बाबा गोरखनाथ को पराजित किया था।इस बार भाजपा ने बाबा गोरखनाथ की जगह नए प्रत्यासी के रूप में चंद्रभान पासवान को इस चुनावी अखाड़े में उतारा है।अब देखना है कि सपा अपनी इस सीट को बचा पाती है यहां भाजपा सपा को पटखनी देने में सफल होगी।ये बात तो 8 फरवरी को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा।

मिल्कीपुर सीट का जातीय समीकरण

मिल्कीपुर सीट पर जातीय समीकरण किसी भी प्रत्याशी की हजार जीत तय करती है।मिल्कीपुर सीट पर करीब साढ़े तीन लाख मतदाता है।इस सीट पर सबसे ज्यादा दलित वोटर हैं। जिनकी कुल संख्या डेढ़ लाख के करीब है। इसमें से भी पासी विरादरी के करीब 55 हजार मतदाता हैं।इसके बाद ओबीसी वोटर है, जिसमें यादव मतदाता भी 55 हजार के करीब हैं।ब्राह्मण वोटर की संख्या 60 हजार है।इस सीट पर मुस्लिम वोटर भी निर्णायक भूमिका में है। इसके अलावा क्षत्रिय और वैश्य वोटर की संख्या 25 हजार और 18 हाजत हैं।साथ ही कोरी, कहार और निषाद वोटर भी अहम साबित होते रहे हैं।

सपा को पीडीए पर भरोसा
मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी पाने पीडीए फॉर्मूले को ही आजमा रही है।समाजवादी पार्टी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को साधकर इस सीट को अपने पास ही रखना चाहती है,हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बनाया हुआ है। इस सीट पर कमल खिलाने की जिम्मेदारीउन्होने खुद संभाली है। खासकर लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला वे मिल्कीपुर सीट जीत कर लेना चाहते हैं।लिहाजा वे एक रहेंगे सेफ रहेंगे के नारे के साथ मैदान में हैं।

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