ममता के धरने में शामिल 5 IPS अधिकारियों को अच्छे काम के लिए मिला मेडल लौटाना होगा
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ धरने में बैठे 5 IPS अधिकारीयों को अच्छे काम के लिए गृह मंत्रालय से मिले मेडल अब वापस लौटने होंगे. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गृह मंत्रालय ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. मिल रही जानकारियों के मुताबिक 5 में से कोई भी पुलिस अधिकारी डेप टेंशन पर नहीं जा सकता है, इसी के साथ सभी को अपना मेडल वापस करना होगा जो केंद्र सरकार ने उन्हें अच्छे काम के लिए दिया था.
मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ धरने में बैठे 5 IPS अधिकारीयों में डीजीपी और कमिश्नर राजीव कुमार भी शामिल थे. अब इन सभी पर गृह मंत्रालय ने कार्रवाई का मन बना लिया है. इसके साथ ही जिन अधिकारियों ने कोलकता धरना में हिस्सा लिया था, चार फरवरी को उनसे गृह मंत्रालय ने जानकारी भी मांगी है. ये पांच अधिकारी है- वीरेन्द्र (IPS), विनीत कुमार गोयल (IPS), अनुज शर्मा (IPS), ज्ञानवंत सिंह (IPS) और सुप्रतिम सरकार (IPS)। इन अधिकारियों का नाम इंपैनल्ड लिस्ट से भी हटाने की तैयारी चल रही है.
5 फरवरी को गृह मंत्रालय ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए थे. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को इसको लेकर एक पत्र लिखा था, जिसमें गृह मंत्रालय ने राजीव कुमार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा था. पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी को लिखे अपने पत्र में गृह मंत्रालय ने अधिकारी द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं (आचरण) नियमों, 1968 / AIS (D&A) नियम, 1969 के अनुशासनहीन व्यवहार और उल्लंघन करने का का हवाला दिया.
आपको बता दें कि पिछले रविवार को CBI की टीम सारदा चिट फंड मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची थी. इस दौरान CBI की टीम को कोलकाता पुलिस हिरासत में लेकर जबरन थाने में ले गई. इस पूरे हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बचाव में उतरीं और धरने पर बैठने का ऐलान किया. ममता ने पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पोंजी योजना घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ की CBI की कोशिश के खिलाफ धरना शुरू किया था. उन्होंने पुलिस आयुक्त के कार्यालय में CBI अधिकारियों के जबरन घुसने के प्रयास की घटना को संघीय ढांचे पर केंद्र सरकार का प्रहार करार दिया