राम मंदिर निर्माण को लेकर हो रही देरी पर छलका न्यास अध्यक्ष का दर्द
फैजाबाद(यूपी) ! केन्द्र में मोदी और राज्य में योगी सरकार के रहते हुए श्रीरामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण में हो रही देरी श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष व मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज को अब अखरने लगी है।वह चाहते हैं कि इस बहुप्रतिक्षित विषय का समाधान मोदी सरकार शीघ्र निकाले।श्री दास का कहना है कि न्यायालय में यह विवाद 70 वर्षों से है। वह न्यायालय और न्यायविदों का सम्मान करते हैं लेकिन जनजागरण और सरकार को ध्यान दिलाना उनका मौलिक और धार्मिक अधिकार है।दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में भाग लेने के लिये रवाना होने से पूर्व उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर कारसेवकों ने अस्थाई तौर पर ही सही मंदिर बना दिया है, बस उस स्थान को भव्यता देना शेष है। इसकी प्रतीक्षा हिन्दू समाज लगातार अपनी आहुति देकर करता आ रहा है। आज श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला को टेंट में देखकर समाज उद्वेलित हो जाता है। समाज स्वयं प्रश्न करता है कि सरकारों के प्रतिनिधि वातानूकुलित बड़े- बड़े भव्य भवनों में आनन्द प्राप्त कर रहे हैं और दुनिया को छत देने वाले खुद कपड़े के मंदिर में ठंडी, गर्मी और बरसात का सामना तो कर ही रहे हैं। साथ ही कैदियों की भांति पुलिस के अभेद्य सुरक्षा में जकड़े हुये है।श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष ने कहा कि अनेक सरकारों में आंदोलन हुआ, गोलियां खायी, लोग जेलों में बंद होकर प्रताड़ित हुए, फिर भी संकल्प से हटे नहीं और न आगे हटने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज की मोदी के प्रधानमंत्री बनने से आशा बंधी हुई है। उन्होंने कहा कि अब देश के प्रमुख संतों की बैठक शुक्रवार को दिल्ली में होने जा रही है। धर्माचार्य अपनी भावनाओं से अवगत ही नहीं करायेंगे बल्कि आगे ठोस कदम भी उठायेंगे।उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय का अपना न्यायिक क्षेत्र है, हम सभी सम्मान करते हैं। भगवान श्रीराम लला न्यायालय में याची बनकर रह गये हैं, यह सभी के लिए पीड़ादायी है। अब प्रतीक्षा नहीं मंदिर निर्माण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संत व धर्माचार्य राम जी के नाम पर ही दाल-रोटी खा रहे हैं वह उन्हें छोड़ने वाले नही हैं। प्रभु राम हमारी रग-रग में समाये हुये हैं। उन्होंने कहा कि मोदी को सत्ता में आये चार वर्ष से ऊपर हो चुके हैं। देश व समाज के विकास के साथ हम सब जुड़े हैं। राष्ट्रीय समस्याओं के प्रत्येक पहलुओं पर देश का हर नागरिक साथ खड़ा है ,परन्तु हिन्दू संत व धर्माचार्य आ