संदिग्ध हालात में दरोगा पुत्र को लगी गोली उपचार के दौरान जिला अस्पताल में हुई मौत

बाराबंकी ! कोठी थाना क्षेत्र के पूरे टिकैतनगांव में बुधवार की भोर संदिग्ध परिस्थितियों में दरोगा पुत्र लहुलुहान कमरे में पाया गया। परिजनों ने उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान दरोगा के पुत्र की मौत हो गई। पुलिस को कमरे में एक तमंचा भी मिला है। परिजनों का कहना है कि काफी दिनों से अवसादग्रस्त युवक ने आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।
कोठी थाना क्षेत्र के पूरे टिकैतन गांव निवासी जगदम्बा सिंह पुलिस के दरोगा हैं और मौजूदा समय में प्रतापगढ़ जनपद में तैनात हैं। उनकी मां, पत्नी व बेटा आशुतोष सिंह, आशुतोष की पत्नी व बेटी गांव में ही रहते थे। परिजनों के अनुसार बुधवार को भोर में करीब साढ़े चार बजे आशुतोष के कमरे से गोली की आवाज सुनाई दी। जब लोग भागकर पहुंचे तो आशुतोष लहुलुहान कमरे में गिरा पड़ा था। बिस्तर के करीब जमीन पर एक तमंचा पड़ा था। परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। गंभीर रूप से घायल आशुतोष को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने घटनास्थल से खून के ऊपर पड़े तमंचा को भी बरामद कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आशुतोष ने दाई कनपटी में गोली मारी है। उधर, परिवारीजनों का कहना है कि मृतक (आशुतोष) की मां पिछले कई दिनों से मेयो अस्पताल में भर्ती है। पूरी जिम्मेदारी आशुतोष पर थी जिसे लेकर वह परेशान रहता था। पिता जगदंबा सिंह पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक हैं और प्रतापगढ़ जिले में तैनात हैं। उधर, ग्रामीणों में चर्चा है कि दरोगा व उनके परिवार के बीच संबंध न के बराबर ही था। दरोगा के दूसरे विवाह करने की चाहत ने परिवार को बिखेर दिया था। जिसके कारण उनकी पत्नी भी डिप्रेशन की मरीज है और मेयो अस्पताल में काफी दिनों से भर्ती हैं। हालांकि परिवारीजन इसे महज अफवाह बता रहे हैं। घटना के एक दिन पहले जगदंबा सिंह अपने घर भी आए थे। नगर कोतवाली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
