देवरिया दीपक मणि अपहरण कांड: आरोपी SP नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव की करोड़ों की संपत्ति कुर्क

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. पूर्वांचल में कभी आंतक का पर्याय रहे अतीक अहमद और मुख्यार अंसारी गैंग की सरकार ने कमर तोड़ दी है. माफियाओं पर कार्रवाईयों के इस दौर में देवरिया (Deoria) के चर्चित रहे दीपक मणि अपहरण कांड (Deepak Mani Kidnapping Case) के आरोपी समाजवादी नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष राम प्रवेश यादव (Rampravesh Yadav) उर्फ बबलू यादव की 16 करोड़ से अधिक की संपत्ति सरकार ने कुर्क कर ली है. बता दें कि दीपक मणि का अपहरण कर जमीन बैनामा कराने के मामले में वह वर्ष 2018 में जेल गए थे. जिला प्रशासन ने रामप्रवेश को भू माफिया घोषित किया है. उनके खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई थी.

पुलिस ने गैंगस्टर के रुप में अर्जित संपत्ति को कुर्क करने लिए जिला मजिस्ट्रेट अमित किशोर के यहां अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. उसी क्रम में जिला मजिस्ट्रेट ने संपत्ति कुर्क करने का निर्देश दे दिया था. अध्यक्ष की उनके पैतृक गांव समेत कई जगहों की संपत्ति हुई. पिछले दिनों राजस्व विभाग की टीम ने इन संपत्तियों का निरीक्षण कर ब्योरा एकत्र किया था. मिली जानकारी के अनुसार अध्यक्ष का एक दर्जन से अधिक प्लाट, ईंट भट्ठा, मकान, अंडा फार्म के साथ ही उनकी लग्जरी करीब आधा दर्जन गाडियां कुर्क हुईं हैं. इन संपत्तियों की कीमत 16 करोड़ रूपए से अधिक बताई जा रही है.

गुरूवार को जिला मजिस्ट्रेट ने रामप्रवेश की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था. शुक्रवार की शाम एएसपी शिष्यपाल और एसडीएम सदर सौरभ सिंह के नेतृत्व में पहुंची प्रशासन और पुलिस की टीम ने पहले पैतृक आवास को कुर्क किया. इसके बाद ईंट-भट्ठा, लेयर फार्म, लग्जरी वाहन और अन्य संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई की गई. कुर्की की कार्रवाई देर रात तक चलती रही. वहीं इस मामले पर एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव उर्फ बबलू की 16 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है.

क्या है दीपक मणि हत्याकांड ?

देवरिया सदर निवासी दीपक मणि का 20 मार्च 2018 को सलेमपुर रेलवे स्टेशन से अपहरण कर 17 अप्रैल 2018 को 10 करोड़ की जमीन बैनामा करा लिया गया. योगी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और प्रशासन को सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया. सीएम के निर्देश पर जिला प्रशासन तुरंत एक्शन में आ गया औऱ दो मई को तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय ने दीपक मणि को मुक्त कराने के साथ ही चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

वहीं इस मामले मुख्य आरोपी और सरगना जिला पंचायत अध्यक्ष राम प्रवेश यादव की गिरफ्तारी बाद में नेपाल बार्डर से की गई थी. इस मामले में ही गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है. इसके बाद अध्यक्ष का पावर सीज कर दिया गया और उनके कार्यों का निर्वहन जिलाधिकारी कर रहे हैं. जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद सपा नेता ने कोर्ट की शरण ली लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली.

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