खाकी हुई शर्मसार,दरोगा ने बिना साक्ष्य के जेल भेज वसूले 65 लाख,DGP से शिकायत के बाद FIR दर्ज भेजे गए जेल

लखनऊ ! खाकी पर लगातार लग रहे दाग के बीच रविवार को एक और शर्मनाक मामला सामने आया। इस बार बाराबंकी जिले में तैनात साइबर सेल प्रभारी दारोगा अनूप कुमार यादव पर आरोप लगा है कि उन्होंने विश्वास ट्रेडिंग नामक कंपनी के पदाधिकारियों से 65 लाख रुपये वसूल लिए।पीड़ितों ने प्रकरण की शिकायत डीजीपी ओपी सिंह से की। इसके बाद हजरतगंज कोतवाली में आरोपित के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। एसपी बाराबंकी डॉ. सतीश कुमार ने आरोपित दारोगा को निलंबित कर दिया है। उधर, देर रात आरोपित को हिरासत में ले लिया गया। साथ ही रुपये भी बरामद हुए हैं।

साक्ष्य के बगैर जेल भेजने का आरोप

दरअसल, हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र निवासी सावले शर्मा ने विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के तीन पदाधिकारियों मूलरूप से कोलकाता के वैष्णव घाटा थाना पंडुली निवासी प्रेसनजी सरदार, मोरपुकुर दक्षिणपारा थाना रिसरा हुगली निवासी शंकर गायन और एलेलिन सरानी धर्मतला स्ट्रीट निवासी धीरज श्रीवास्तव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शंकर का आरोप है कि उन्हें और उनके साथियों को फर्जी मामले में बिना साक्ष्य के 11 जनवरी को जेल भेज दिया गया था। यही नहीं, लखनऊ स्थित उनके ऑफिस को भी सील कर दिया गया था। जमानत पर जेल से छूटने के बाद आरोपितों ने डीजीपी को पूरे मामले की जानकारी दी और दारोगा अनूप यादव पर 65 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी ने एडीजी राजीव कृष्णा इसकी पड़ताल के निर्देश दिए, जिसके बाद वूसली की पूरी कहानी उजागर हुई।

एसटीएफ ने सौंपी थी रिपोर्ट

डीजीपी ने इस प्रकरण की गोपनीय जांच करने के लिए एसटीएफ को लगाया था। खाकी पर लगे आरोपों की पुष्टि के लिए एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह और एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बाराबंकी जाकर इसकी पड़ताल की थी। एसटीएफ की जांच में वसूली की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी गई थी।

क्राइम ब्रांच को विवेचना

पीड़ित शंकर गायन का आरोप है कि उन पर और उनके साथियों पर दर्ज एफआइआर में नाम निकालने के लिए आरोपित दारोगा ने रुपयों की मांग की थी। 65 लाख रुपये जबरन वसूलने के बावजूद आरोपित ने लोगों का नाम नहीं निकाला और तीनों को जेल भेज दिया था। हजरतगंज कोतवाली में वसूली की एफआइआर दर्ज करने के बाद विवेचना क्राइम ब्रांच लखनऊ को सौंपी गई है।

लखनऊ पुलिस ने उच्चाधिकारियों के आदेश पर शनिवार रात में बाराबंकी के नगर कोतवाली स्थित अनूप के आवास पर दबिश दी। अनूप को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमें लगाई गई थीं। देर रात उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हजरतगंज पुलिस ने अनूप के मूल निवास रायबरेली के अलावा अन्य संभावित स्थानों पर छापेमारी की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।

रुपये वसूली के फुटेज सौंपे

सूत्रों के मुताबिक पीड़ितों ने पुलिस को सीसी फुटेज भी सौंपी है। फुटेज में आरोपित अनूप यादव पीड़ितों से 65 लाख रुपये वसूली करते कैद है। बताया जा रहा है कि पीड़ितों के पास आरोपित का पर्स व पहचान पत्र भी है, जो अनूप ने उनकी कार में छोड़ दी थी। चर्चा है कि मामला उजागर होने के बाद दबाव में आए अनूप ने कुछ रुपये वापस भी कर दिए थे। हालांकि, इस बाबत कोई भी अधिकारी स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा है।

कंपनी पर ये था आरोप

निवेशक सावले शर्मा ने आरबीआइ के नियमों के विपरीत कंपनी चलाने का आरोप लगाकर विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के पदाधिकारियों पर एफआइआर दर्ज कराई थी। कंपनी पर मल्टीलेवल मार्केटिंग के तहत बाराबंकी के लोगों से 20 करोड़ रुपये का निवेश कराने का आरोप था। कंपनी दो सौ रुपये लेकर सदस्य बनाकर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर डीमैट एकाउंट खुलवाती थी। इसके बाद सदस्य अन्य लोगों को जोड़ते थे। सूत्रों का कहना है कि इस मामले की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! © KKC News