March 16, 2025

अडानी अंबानी भी फेल,मोरारी बापू 18.6 करोड़ रुपये का दान देकर बने सबसे बड़े दानदाता

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आध्यात्मिक कथावाचक मोरारी बापू अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में सबसे बड़े दानसेवा के रूप में उभरे हैं। छह दशकों से भी ज़्यादा समय तक रामायण का प्रचार-प्रसार करने के लिए जाने जाने वाले बापू ने बहुत ही शानदार काम कर खुद को एक बार फिर से साबित कर दिया है। उन्होंने कुल18.6 करोड़ रुपये का दानसेवा किया है। इतनी बड़ी सहायता राशि जो भारत में 11.30 करोड़ रुपये, यूके और यूरोप से 3.21 करोड़ रुपये साथ ही अमेरिका, कनाडा तथा कई अन्य देशों से 4.10 करोड़ रुपये के योगदान से इकट्ठी की गई थी। अगस्त 2020 में, कोविड-19 जैसे मुश्किल के समय में जब गुजरात के पिठोरिया में एक ऑनलाइन कथा हुई थी। उस दौरान मोरारी बापू ने जनता को अपील की थी। उस अपील में मोरारी बापू ने राम मंदिर के निर्माण में योगदान देने की अपनी गहरी इच्छा व्यक्त की, जो उनकी अन्तर आत्मा से उभरी थी। उसके बदले ये उदार धन इकट्ठा हुआ। अयोध्या में राम मंदिर के लिए 18.6 करोड़ रुपये का योगदान देकर बापू सबसे बड़े दानदाता बने मोरारी बापू ने बताया कि, ’’हमने मात्र 15 दिनों में राम जन्मभूमि ट्रस्ट को लगभग 11.3 करोड़ रुपये पहले ही सौंप दिए थे। बाकी रकम जो विदेशों से जुटाई गई है उसे आवश्यक क्लियरेंस सर्टिफिकेट दे दिया गया है। और इस साल फरवरी में जब मैं कथा करूंगा तो राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को बकाया राशि दे दी जाएगी। कुल मिला कर दानसेवा 18.6 करोड़ रुपये है।” मोरारी बापू इस साल 24 फरवरी से 3 मार्च तक अयोध्या में राम कथा करेंगे। बापू ने यह भी बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय अक्टूबर 2023 में बरसाना में चल रही एक राम कथा के दौरान उनसे मिलने आए थे। ने मुझे 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया। उन्होंने मुझे राम लला के अभिषेक के बाद 24 फरवरी से 03 मार्च तक अयोध्या में कथा करने के लिए भी आमंत्रित किया था।“ अयोध्या के नए मंदिर में वेद, वाल्मिकी रामायण और गोस्वामी तुलसीदास की राम चरित मानस को रखा जाना चाहिए मोरारी बापू ने अयोध्या के नए राम मंदिर में तीन पवित्र ग्रंथों – वेद, वाल्मिकी रामायण और गोस्वामी तुलसीदास के रामचरित मानस को नए सिरे से स्थापित करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा “ऐसा नहीं है कि मुझसे पूछा गया है, लेकिन मुझे लगता है कि वेद भगवान, वाल्मिकी जी की रामायण और गोस्वामी तुलसीदास जी की राम चरित मानस को अयोध्या में राम मंदिर में रखा जाना चाहिए”। राम कथा सुनाने, राम नाम जपने और राम काम करते हुए 64 सालों की तपस्या के बाद सम्मानित मोरारी बापू ने राम मंदिर के उद्घाटन पर अपना उत्साह दिखाते हुए बताया कि, “मेरा दिल खुशी से भर गया है क्योंकि राम मंदिर बनने जा रहा है। इन दिनों मेरे रगों में उल्लास दौड़ रहा है, मेरा हृदय खुशी से धड़क रहा है।“ मोरारी बापू जो अयोध्या विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने स्थायी आह्वान और राम मंदिर के निर्माण में अपने अटूट विश्वास के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने पहले भी बार-बार कहा है, “भगवान राम किसी एक संप्रदाय या एक देश के नहीं हैं, वह तो पूरी दुनिया के हैं।“ 2018 में अयोध्या में अपनी राम कथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा था कि “स्वीकार और संवाद की नीव पर राम मंदिर बनेगा।” हमें इन दो ईंटों को नींव में रखना होगा।

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