शर्मनाक: टीबी पीड़िता किशोरी को इंजेक्शन लगा स्वास्थ्य कर्मी ने किया दुष्कर्म

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सरकारी एमडीटीबी अस्पताल में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। अस्पताल के एक कर्मी ने एक अन्य कर्मचारी के सहयोग से अस्पताल में भर्ती टीबी की बीमारी से पीड़ित किशोरी को पहले बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने इस घटना को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के ऑफिस में अंजाम दिया। होश आने पर पीड़िता ने इस बारे में अपनी मां को जानकारी दी।
शनिवार की सुबह कोतवाली हाथरस गेट में शिकायत की गई। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर दोनों आरोपियों शिवनंदन और विशाल को गिरफ्तार कर लिया।
पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया है। इधर, सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर ने आरोपी स्वास्थ्य कर्मी शिवनंदन को निलंबित कर दिया है।

बागला संयुक्त जिला अस्पताल परिसर में ही एमडीटीबी अस्पताल है। तीस शैय्या का यह अस्पताल भी सरकारी है। यहां टीबी के मरीजों का उपचार होता है। गंभीर मरीज यहां दाखिल भी किए जाते हैं। इस जिले के ही थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव की 17 वर्षीय किशोरी भी क्षय रोग से पीड़ित है। उसका भी इस अस्पताल में उपचार चल रहा है। दो दिन पहले जब उसकी हालत बिगड़ी तो परिजन उसे इस अस्पताल में ले आए। उसे इस अस्पताल में दाखिल कर लिया गया। पूर्व में भी वह इस अस्पताल में भर्ती रह चुकी है।

शुकवार की रात्रि में इस अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में शिवनंदन की ड्यूटी थी। उसके साथ एक सफाई कर्मचारी विशाल भी था। जानकारों की मानें तो विशाल एक एजेंसी का कर्मचारी है, जो अस्पताल से संबद्ध है। शुक्रवार को किशोरी की देखरेख में उसकी मां उसके साथ मौजूद थी।

आरोप है कि दोनों जब सो रहे थे तो रात्रि 11 बजे के लगभग शिवनंदन वहां आया और किशोरी से यह बोला कि उसके इंजेक्शन लगेगा। अस्पताल के वार्ड में और भी मरीज भर्ती थे। उसने अलमारी खोली और किशोरी से यह बोला कि यहां इंजेक्शन खत्म हो गए हैं। वह उसके साथ नीचे चले। यह कहकर वह किशोरी को नीचे ले आया।

आरोप है कि वह किशोरी को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के ऑफिस में ले गया। ऑफिस के अंदर ले जाकर उसने इस किशोरी को बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया, जिससे किशोरी बेहोश हो गई। इस दौरान उसने इस किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। दूसरा कर्मी विशाल वहां पहरेदारी करता रहा। इस दौरान थोड़ी देर बाद किशोरी की मां की आंख खुली और उसने उसे बिस्तर पर नहीं पाया तो उसने उसकी तलाश शुरू कर दी। अन्य मरीज भी जाग गए। इसका आभास होने पर इस कर्मी ने किशोरी को अर्द्धमूर्छित अवस्था में ऑफिस से बाहर निकाल दिया और फिर ऑफिस का ताला लगा दिया।

किशोरी अर्द्धबेहोशी की हालत में ही ऊपर वार्ड में पहुंच गई और वहां जाकर लेट गई। थोड़ी देर बात होश आने पर जब किशोरी को घटना का आभास हुआ तो उसने अपनी मां को यह बात बताई। उसके अन्य परिजन भी आ गए। यह लोग पूरे मामले की शिकायत करने के लिए कोतवाली हाथरस गेट पहुंचे। पुलिस ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कर किशोरी का चिकित्सकीय परीक्षण कराया है।

तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है- संजीव शर्मा, हाथरस गेट कोतवाली निरीक्षक

घटना की जानकारी मिलने के बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शिवनंदन को निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी है। इस तरह की घटनाएं न केवल निंदनीय हैं, बल्कि असहनीय हैं। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है- डॉ. बृजेश राठौर, सीएमओ हाथरस

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