October 27, 2024

अयोध्या : जापानी विधि से अयोध्या जिले में तैयार किया जाएगा प्राकृतिक वन

0

दुनिया के कई देशों में अब तक तकरीबन सत्रह सौ स्थानों पर “मियावाकी” विधि का किया जा चुका है सफलतम प्रयोग,प्रयोग के लिये जिले के पश्चिमी छोर पर स्थित अशरफपुर गंगरेला में एक हेक्टेयर भूमि का भी हुआ चयन,इस विधि का प्रयोग कर विभाग कम समय में अधिक कार्बन डाई आक्साइड अवशोषित करने वाले प्राकतिक वन को करेगा तैयार।

मवई(अयोध्या) ! अयोध्या वन प्रभाग अपने जिले में जापान के डॉक्टर अकीरा द्वारा तैयार की गई मियावाकी विधि का प्रयोग करेगा।इस विधि द्वारा विभाग कम समय मे एक ऐसा प्राकृतिक मूल वन को तैयार करेगा।जो अधिक मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड को अवशोषित कर पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सहायक होगा।विभाग के अधिकारियों की माने तो इस विधि के प्रयोग के लिए जिले के अंतिम पश्चिमी छोर पर एक हेक्टेयर भूमि का भी चयन कर लिया गया है।और पूरा प्रोजेक्ट बनाकर पीसीसीएफ द्वारा प्रस्ताव शासन को भी भेज दिया गया है।रुदौली के क्षेत्रीय वनाधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि यदि शासन स्तर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो कल्याणी नदी के किनारे स्थित अशरफपुर गंगरेला में इस प्राकृतिक मूल वन को तैयार किया जाएगा।
बता दे लगभग तीस किलोमीटर में मवई ब्लॉक क्षेत्र में दो तिहाई भाग पर वन व जंगल स्थित है।जिनमें सुल्तानपुर अशरफपुर गंगरेला सिपहिया कोटवा बघेडी रेछ गनेशपुर सुनबा आदि जंगल स्थित है।जिनमे अधिकतम सागवान के वृक्ष है।क्षेत्रीय उपवनाधिकारी वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि दुनियाभर में तकरीबन 1700 स्थानों पर मियावाकी विधि का प्रयोग कर 40 लाख से अधिक पेडों के साथ प्राकृतिक मूल वनों का निर्माण किया जा चुका है।अब इसका प्रयोग अयोध्या जिले में करने की योजना बन रही है।मवई सेक्सन प्रभारी नरेंद्र राव ने बताया कि यहां पौधशाला का औचक निरीक्षण करने आये मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार ने मियावाकी पद्धति पर मूल वन स्थापना परियोजना तैयार करने का निर्देश दिया था।आदेश के पालनार्थ क्षेत्रीय वनाधिकारी ओम प्रकाश ने इस पद्धति के तहत तैयार किए जाने वाले प्राकृतिक वन का प्रोजेक्ट बनाकर अफसरों द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

तीन करोड़ का तैयार किया गया प्रोजेक्ट

क्षेत्रीय वनाधिकारी ओम प्रकाश द्वारा तैयार किया प्रोजेक्ट लगभग तीन करोड़ रुपये का है।प्रोजेक्ट में कम्पोस्ट द्वारा तैयार किये जाने वाले नालीनुमा व टीलेनुमा भूमि बनाकर पौधरोपण करना।इसके अलावा एक नए पौधशाला का निर्माण करना,पौधशाला में लगभग 30 प्रजाति के पौध तैयार कर उसका मियावाकी विधि से रोपण व सिंचाई के संसाधन आदि व्यवस्थाएं प्रोजेक्ट में सामिल है।इन्होंने बताया शासन में लंबित प्रस्ताव यदि स्वीकृत किया जाता है तो अशरफपुर गंगरेला में इस पद्धति से लगभग एक एकड़ भूमि पर प्राकृतिक वन तैयार किया जाएगा।जो अधिक मात्रा में कार्बन डाइ ऑक्साइड अवशोषित कर क्षेत्र के प्रदूषण मुक्त करने में सहायक होगा।और लोगों को शुद्ध आक्सीजन प्राप्त होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !! © KKC News

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading