सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम महिलाओं की अर्जी, मस्जिद में पढ़ना चाहती हैं नमाज


सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत देने की गुहार की गई है। वकील आशतोष दुबे की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं पर मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने पर रोक गैरकानूनी और असंवैधानिक है। यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

कुरान और हदीस में लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं
याचिका में कहा गया कि कुरान और हदीस में लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। इस तरह की परंपरा महिलाओं की गरिमा के भी खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि पुरुषों की तरह महिलाओं का भी इबादत करने का संवैधानिक अधिकार है।

सुन्नी समुदाय के कई फिरको में इसकी मनाही
याचिका में कहा गया है कि अभी जमात-ए-इस्लामी और शिया समुदाय के फिरकों में ही मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत है जबकि सुन्नी समुदाय के कई फिरको में इसकी मनाही है।

यहां तक कि जहां मुस्लिम महिलाओं को नमाज के लिए मस्जिद में जाने की इजाजत है वहां उनके लिए अलग जगह है।

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