September 19, 2024

इधर बेटी को यूनिवर्सिटी में मिल रहा था गोल्ड मेडल,उधर गांव में उसकी मां का हो रहा था दाह संस्कार

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उरई ! उत्तर प्रदेश राजर्षि विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह में मंगलवार को स्वर्ण पदक पाने वाली किसान की बेटी अंजली भदौरिया इसकी खुशियां भी नहीं मना सकी। जिस मां संग खुशियां मनाने का सपना उसने संजोया था वह घर पहुंचते ही पलभर में बिखर गया। सोमवार रात में उसकी मां इस दुनियां से विदा ले चुकी थी। जब उसे इलाहाबाद में सम्मानित किया जा रहा था तब उरई में उसकी मां का दाह संस्कार हो रहा था। आंखों में आंसू लिए अंजली ने अपना स्वर्ण पदक मां को समर्पित कर दिया। रोते हुए उसने बस यही कहा, ईश्वर ने इंसाफ नहीं किया ये खुशियां अपनी मां के साथ शेयर न कर पाने का गम उसे ताउम्र रहेगा।फुंदी सिंह लौना राजकीय महाविद्यालय जालौन की छात्रा अंजलि भदौरिया को 18 सितम्बर को इलाहाबाद में उप्र राजर्षि विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि उसने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान (बीएलआईएस) विषय में प्रदेश में सबसे अधिक 85.40 फीसदी अंक लाकर प्राप्त की। किसान की बेटी अंजली सोमवार को ही यहां से रवाना हो गई थी। जाते हुए मां प्रभा भदौरिया ने उसे खूब दुलार किया था और शाबाशी दी थी।सोमवार की रात में ही मां का निधन हो गया। इसकी खबर परिवार के लोंगो ने अंजली को नहीं दी थी। जब आयोजित समारोह में अंजली स्वर्ण पदक ले रही थी उसी वक्त उसकी मां की अर्थी उठ रही थी। सोने के तमगे के साथ परिवार के बीच खुशियां मनाने का सपना संजोए जब वह घर लौटी तो एक पल में ही उसका सपना टूट गया। उसे बताया गया कि उसकी मां इस दनियां से चल बसी है। यह खबर सुनकर अंजली बेसुध हो गई। परिवार के लोंगो ने उसे ढांढस बंधाया।

परीक्षा के परिणाम आने पर खुश होती थी मां

अंजली 8वीं से पहले तक की पढ़ाई गांव में और 9वीं से गांव से दूर जालौन पढ़ने जाती थी। कुछ रास्ता पैदल और फिर बस से वह जालौन पहुंचती थी। रास्ते में होने वाली परेशानियों ने कई बार उसे विचलित भी किया, लेकिन मां से मिली संघर्ष की सीख हमेशा उसे हौसला देती थी।

मां की खुशी के लिए आगे और मेंहनत करूंगी।

अंजली भदौरिया ने कहा कि उसकी मां किड़नी में संक्रमण होने से कुछ समय से अस्वस्थ्य चल रही थी। आज मां भले ही इस दुनियां में नहीं है लेकिन उनका जो सपना था कि उनकी बेटी अफसर बने उसके लिए वह अब और लगन के साथ आगे बढ़ेगी। उसका कहना था कि जब भी परीक्षा परिणाम आया तो खुशी तो सबको होती थी, पर मां सबसे अधिक खुश होती थी।

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