चाय बेचने वाले पिता की प्रेरणा से बेटियों ने पाया मुकाम

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परिषदीय विद्यालयों में बदहाल व्यवस्था को देख हो गया हृदय परिवर्तित,तो ठान लिया बेटियों को मास्टर बनाने का सपना।

राकेश यादव-ब्यूरो रिपोर्ट

फैजाबाद ! रूदौली तहसील के मवई चौराहा और पटरंगा में चाय बेचकर बच्चो को पढ़ाई की प्रेरणा देने वाले पिता की बेटियां अब अशिक्षा के अंधकार को दूर करेंगी।एक ही परिवार दो बेटियों ने परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाने के बाद इसका श्रेय अपने चाय बेचने वाले पिता और गुरुजनों को दिया है।मवई चौराहा पर चाय बेचने वाले विश्वनाथ गुप्ता की पुत्री सोनम गुप्ता व अमरनाथ गुप्ता की पुत्री सिम्पल गुप्ता मूल रूप से पटरंगा के निवासी हैं।पिता की ख्वाहिश थी कि उनकी बेटी अध्यापक बनकर समाज में फैले हुए अशिक्षा के अंधकार को दूर करने में सहयोग करे ।विश्वनाथ गुप्ता बताते है कि उन्होंने बेटियों का पहले प्राइमरी स्कूल में दाखिला कराया तो वहाँ पढ़ाई का स्तर काफी खराब था।फिर उन्हे उस वक्त की नज़ाकत को देखते हुए बड़ा कष्ट हुआ और मन ही मन व्यवस्था में सुधार के लिए ठान लिया।बताते है कि मजबूरन प्राइवेट स्कूल सियराजी मांटेसरी स्कूल पटरंगा से जूनियर क्लास की पढ़ाई कराया फिर लाला रामकुमार इंटर कालेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी कराया।बताते है कि बेटियां थी इसलिए कही दूर भेजना भी ज्यादा अच्छा नहीं था इसलिए ग्रेजुएशन की पढ़ाई बाबा शिव चरन दास से और फिर बीटीसी राम सिंह गुलेरिया से कराया गया।उन्होंने बताया कि सोनम गुप्ता ने पटरंगा गाँव मे स्कूल ज्वाइन किया है और सिम्पल गुप्ता को बलरामपुर जिले में तैनाती मिली है।बताते हुए चले कि सहायक अध्यापक हुई बेटियों के पिता चाय की दुकान करते है। इसी से वह अपने परिवार का भरण पोषण करते है।परिवार के सदस्यों का शिक्षा विभाग से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है।सोनम गुप्ता व सिंपल गुप्ता ने बताया कि जब वह छठी कक्षा में पढ़ती थी तो उसके पिता ने उसे मास्टर बनाने के लिए प्रेरित किया।पहले तमाम परीक्षाओं में भाग लेती रहती थी। समय समय पर अध्यापकों का भी उन्हें सहयोग मिलता रहा।उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों के अलावा माता पिता को दिया है।

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