नई अयोध्या का मास्टर प्लान 2031 का ड्राफ्ट तैयार: पढ़े पूरी खबर
अयोध्या। अयोध्या और फैजाबाद शहर का समन्वित रूप से मास्टर प्लान 2031 का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इसे अमृत योजना के तहत जियोग्राफिकल बेस पर बनाया गया है। इसमें राममंदिर बनने के साथ बढ़ रही पर्यटकों की संख्या के साथ उनकी रिहायशी जरूरतों को ध्यान में रखकर बाजार, मल्टीस्टोरी भवन, आश्रम, सड़क, पुल, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज से लेकर औद्योगिक व पर्यटन जरूरतों को लेकर भूमि तय करने के साथ सुविधाओं पर खास फोकस किया गया है।
विश्वस्तरीय ट्रैफिक मैनेजमेंट और प्रदूषण मुक्त शहर पर खासा जोर है। कुल 25 विभागों से प्लान लेकर ड्राफ्ट तैयार करने वाली कोलकाता की कंपनी स्टेसलिट 03 फरवरी को फाइनल ड्राफ्ट का प्रजेंटेशन देगी।
इसके लिए अयोध्या के समस्त विभागों की बैठक बुलाई गई है। साथ ही सभी विकास संबंधित विभागों से आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इसके बाद टाउन प्लानिंग विभाग संबंधित कंपनी के सहयोग से फाइनल बेस मैप ड्राफ्ट तैयार करेगा।
अमृत योजना के तहत जियोलॉग्राफिक बेस पर अयोध्या का मास्टर प्लान बनाने की कवायद करीब एक साल से चल रही है। इसका जिम्मा कोलकाता की निजी कंपनी स्टेसलिट को दिया गया है। अयोध्या के सर्वांगीण विकास के मास्टर प्लान के संबंध में संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के पदाधिकारियों व विभागों के अधिकारियों के साथ कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने कई बैठकें की थी। तय हुआ था कि अयोध्या देश व विश्व पटल पर तेजी से उभर कर आने वाला है।
इसलिए यह आवश्यक है कि यहां आने वाले टूरिस्टों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। अयोध्या में ट्रैफिक मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, पर्यटकों के रुकने, खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था हो। साथ ही शहर में किसी किस्म का ट्रैफिक जाम न लगे, इसे ध्यान में रखकर सिटी मास्टर प्लान बने। इसमें अयोध्या व फैजाबाद नगर शामिल किया गया है। इससे अनियमित विकास पर रोक लग जाएगी।
कमिश्नर के निर्देश पर निजी कंपनी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के पुराने क्षेत्र 133 वर्ग किमी का सर्वे जियोग्राफिक बेस पर किया। इसको अलग-अलग 1600 शीटों में दर्ज किया गया है। सभी शीटों को एक में समाहित करने के लिए एनआईसी हैदराबाद भेजा गया है। अभी सभी शीटें एक में समाहित होकर वापस नहीं आईं हैं। निजी कंपनी ने एक फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया है।
इस ड्राफ्ट का प्रजेंटेशन 03 फरवरी को जिले के समस्त विभागों के सामने किया जाएगा। इसमें समस्त विभागों से आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इसके बाद शीटों की वापसी होने पर सभी आपत्तियों एवं सुझावों का निस्तारण करते हुए टाउन प्लानिंग विभाग निजी कंपनी की मदद से फाइनल बेस मैप प्रारूप तैयार करेगा। यही बेस मैप प्लान मास्टर माना जाएगा।
राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या को सजाने संवारने के लिए मास्टर प्लान 2031 अब सामने आने को तैयार है। जिससे भविष्य में ऐसी अयोध्या बसाई जा सके कि यहां पहुँचने वाले भक्तों को किसी तरह की अव्यवस्था का सामना न करना पड़े। भक्तों को राममय होने का एहसास भी हो सके। अमृत योजना के अंतर्गत मास्टर प्लान में रामनगरी को नव्य और भव्य बनाने के लिए उद्योग धंधों, अच्छे सुविधा युक्त चिकित्सालय, आवास आदि का विशेष ध्यान रखा गया है।
जिससे कोई अव्यवस्थित विकास न हो। भविष्य में कोई अव्यवस्था न इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों से प्रस्ताव मांगा गया था। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने दावा किया था कि अयोध्या मास्टर प्लान 2031 मार्च 2021 तक तैयार कर लिया जाएगा। अब इसी कड़ी में ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक मास्टर प्लान 2031 में पर्यटक सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है।
इसमें सड़कों से लेकर प्रमुख तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है। पर्यटकों के आने जाने की सुविधा व खानपान के लिए विशेष ध्यान रखा गया है। मास्टर प्लान में अयोध्या में बसने वाली नव्य अयोध्या व राममंदिर के आसपास के के इलाके को पर्यटक जोन में रखा गया है। पर्यटक की सुविधाओं के लिए इन इलाकों में होटल, रिसार्ट, धर्मशालाएं सहित आवागमन की विशेष व्यवस्था किए जाने का प्लान निर्धारित किया गया है।
इसके साथ ही कृषि क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र का भी निर्धारण किया जा गया है। इसमें शहर में प्रस्तावित नई सड़कें, हवाई अड्डा, मेडिकल कॉलेज, नव्य अयोध्या, राममंदिर, रीवर फ्रंट, सीता झील, नए होटल सहित समस्त विकास की प्रस्तावित योजना को भी शामिल किया गया है। मास्टर प्लान में परिवहन व्यवस्था बेहतर की जाएगी। बताया गया कि यहां एक हैरिटेज वॉक भी होगा जिससे जो लोग पैदल भ्रमण करना चाहें, उन्हें अच्छी सुविधा मिल सके।
मास्टर प्लान 2031 में अयोध्या विकास प्राधिकरण के नए क्षेत्र की 343 ग्राम सभाएं, भदरसा नगर पंचायत व नवाबगंज नगर पालिका भी शामिल है। इसके लिए जल्द ही सर्वे का कार्य शुरू होगा। इसका दूसरे चरण में मास्टर प्लान बनना तय किया जा चुका है। नए क्षेत्र का मास्टर प्लान बनने के बाद दोनों को समाहित कर एक मास्टर प्लान होगा।- विशाल सिंह, उपाध्यक्ष, अयोध्या विकास प्राधिकरण