February 16, 2025

अयोध्या : संतों ने उठाई मांग कल्याण सिंह राम मंदिर ट्रस्ट में हो शामिल

0000000000_kalyan6126529112183756793.jpg

अयोध्या । राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए बनाने वाले ट्रस्ट में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को शामिल किया जाए।ये मांग विश्व हिंदू परिषद व संतों ने उठाई है।संतों के मुताबिक राम मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह की अहम भूमिका रही है। दरसल राम मंदिर आंदोलन के दौरान 1992 में ढांचा विध्वंस के दौरान कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।और उनके नेतृत्व में ही राम मंदिर आंदोलन परवान चढ़ा। उस समय के तत्कालीन अफसरों को बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान की राम भक्तों ने सराहना भी की थी। लेकिन अब अयोध्या के संत समाज के लोग कल्याण सिंह के इस बलिदान का कर्ज चुकाना चाहते हैं।उनको राम जन्मभूमि ट्रस्ट में शामिल किए जाने की मांग की हैं। इसके बाद अयोध्या के संत समाज के लोगों ने यह मांग शुरू कर दी है कि राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे कल्याण सिंह को अब राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में जगह मिलनी चाहिए।संतों मुताबिक राम जन्म भूमि के लिए कल्याण सिंह का बलिदान भुलाया नहीं जा सकता।उनको उसके लिए सजा भी मिली 1 दिन के लिए वह जेल भी गए।ऐसे में कल्याण सिंह सच्चे राम भक्त हैं उनको ट्रस्ट में जरूर जगह मिलनी चाहिए।राम जन्म भूमि पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि कल्याण सिंह का जो त्याग रहा राम मंदिर के प्रति रहा है। मुख्यमंत्री होते हुए राम मंदिर के लिए जो काम किया वह अभी तक किसी नेता ने नहीं किया। कल्याण सिंह ने मंदिर आंदोलन के समय ढांचा विध्वंस की जिम्मेदारी ली थी । इस प्रकार से राम मंदिर निर्माण के प्रति कटिबद्ध रहे। इसी कारण कल्याण सिंह को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए ।वहीं विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।स्वाभाविक है कि दो-दो बार कार सेवा हुई।30 अक्टूबर और 2 नवंबर को अयोध्या रक्त रंजित हो गई ।सैकड़ों लोग मारे गए उनका बलिदान हो गया आज जो है हम सब उनकी स्मृति में लगातार श्रद्धांजलि और नमन करते हैं।उनकी पूर्णाहुति और उनका स्वप्न तभी साकार होगा जब भव्य राम मंदिर बनेगा। लेकिन 6 दिसंबर 1992 की घटना हुई लाखों के लोग अयोध्या में थे और उन लाखों लोगों को किसी भी प्रकार से फूल की छड़ी से से भी किसी ने नहीं छोड़ा ।अयोध्या में जो भी सैनिक थे चाहे वह राज्य सरकार के थे चाहे वह केंद्र सरकार के रहे हो किसी ने भी छूने का प्रयास नहीं किया। उसका कारण यह था कि उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री व राज्यपाल रहे ऐसे कल्याण सिंह को इसका श्रेय जाता है अपने मुख्यमंत्री काल में उन्होंने किसी को भी छती पहुंचाने का कार्य नहीं किया ।और वह लगातार अपरोक्ष रूप से इस आंदोलन से जुड़े रहे आज मंदिर निर्माण का मार्ग साफ हुआ है इसलिए हम लोग चाहते हैं कि कल्याण सिंह को इस ट्रस्ट में रखा जाए जिन्होंने अपना सारा जीवन मंदिर निर्माण के कार्य में समर्पित कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading