कागजों पर कार्य कराकर सेक्रेटरी ने हड़पे दो लाख,अवर अभियंता व एडीओ पंचायत की भूमिका सवालों के घेरे में

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तहसीलदार की जांच में हुई गबन की पुष्टि

रुदौली(अयोध्या) ! रुदौली ब्लाक के मीसा ग्राम पंचायत में बिना कार्य कराए ही दो लाख रुपए गबन का मामला प्रकाश में आया है। तहसीलदार प्रज्ञा सिंह की जांच में बिना कार्य कराए ही भुगतान की बात कही गई है। मीसा गांव निवासी राम प्रसाद एडवोकेट ने संपूर्ण समाधान दिवस में प्राथमिक स्कूल मेहनौरा के चहरदीवारी के निर्माण के नाम पर फर्जी कार्य दिखाकर दो लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया था। एसडीएम विपिन सिंह ने शिकायत को गंभीरता से लेकर तहसीलदार को जांच सौंपी। तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि स्कूल की चहरदीवारी के नाम पर पहले 30 हजार 450 रुपए, 30 हजार 100 रुपए व 92 हजार 843 रुपए दो माह के अंतराल में निकाले गए। जबकि स्कूल की चहरदीवारी आशिंक रुप से पूर्व दिशा की तरफ पहले से ही निर्मित है। शेष का निर्माण महज एक सप्ताह पहले कराया गया। चहरदीवारी में गेट तक नहीं लगा है। पूर्व से निर्मित शौचालय अपूर्ण व निष्प्रयोज्य है। वर्तमान में महज एक शौचालय का निर्माण कराया गया। जिसका उपयोग महज शिक्षक ही करते हैं। विद्यालय की रंगाई पुताई का कार्य भी नहीं कराया गया और विद्यालय में जिले का नाम भी परिवर्तित नहीं कराया गया। ग्राम पंचायत अधिकारी अंकुर यादव ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जांच अधिकारी को कन्फ्यूजन हुआ है। जो धनराशि निकाली गई है वह मीसा स्कूल की निकाली गई। कंप्यूटर पर गलती से मेहनौरा टाइप हो गया है। तहसीलदार ने बताया कि जांच कर रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी गई। एसडीएम ने बताया कि वह जांच रिपोर्ट डीएम को प्रेषित करेंगे।

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