स्वास्थ विभाग के योजनाओं को सफल बनाने में आशा एवं एएनएम की मुख्य भूमिका-सांसद लल्लू सिंह

स्वास्थ विभाग के योजनाओं को सफल बनाने में आषा एवं एएनएम की मुख्य भूमिका-सांसद लल्लू सिंहअयोध्या इकलौता जनपद है जहां पर आयुष्मान भारत योजना का कार्ड निःषुल्क बनाया जा रहा है जिलाधिकारीअयोध्या। साकेत महाविद्यालय के हाल में जिलाधिकारीअनुज कुमार झा की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय आशा सम्मेलन आयोजित किया गया, इसमें मुख्य अतिथि सांसद श्री लल्लू सिंह, विशिष्ट अतिथि विधायक अयोध्या वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने भाग लिया। इसमें जनपद के आशा कार्यकत्रियों को स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु कार्यवाही करने हेतु बुलाया गया था उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्तक अभियान, अंतरा एवं छाया, छाया-साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली (सेंटाक्रोमन), नियमित टीकाकरण, सम्मानजनक मातृत्व देखभाल, एक्सचेंज भ्रमण, होम बेस्ड न्यूबार्न केयर (एचबीएनसी), और होमबेस्ड यंग चाइल्ड केयर(एचबीवाईसी) आदि अभियान चलाये जा रहे है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को सुपोषित बनाने तथा परिवार नियोजन सम्बन्धी कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रत्येक ब्लाक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से जुड़ी हुई अच्छे कार्य करने वाली तीन-तीन आशा कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर सांसद श्री लल्लू सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी योजना की सफलता सम्बन्धित विभाग के ग्राम स्तरीय कर्मियों/कार्यकर्ताओं के मेहनत पर निर्भर करती है, आशा एवं एएनएम, स्वास्थ विभाग के योजनाओं को सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाती है यदि ये अपनी भूमिका सही से निभाती हैं तो ही समाज स्वस्थ रहेगा, जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि हमारे प्रदेष के 75 जनपदों में से अयोध्या इकलौता जनपद है जहां पर आयुष्मान भारत योजना का कार्ड निःषुल्क बनाया जा रहा है। जबकि इसके लिए प्रत्येक कार्ड के 30 रू0 निर्धारित है। मैंने इस योजना में सीएमओ व अन्य विभागों के समन्वय से जनपद में अभी तक 45 टीमें गोल्डन कार्ड बनाने के कार्य में लगाई हैं, प्रत्येक टीम लैपटाॅप, बायोमेट्रिक व अन्य सभी आवश्यक उपकरणों से लेस हैं जो प्रतिदिन 60 से 100 गोल्डेन कार्ड तैयार कर रही हैं तथा आगामी 02 दिन में 50 से ज्यादा टीमें सक्रिय हो जायेंगी। हमारा उद्देश्य है कि अभी प्रत्येक दिन लगभग 2500 कार्ड बनायें जा रहे हैं, यह कार्ड बनाने की क्षमता 5000 से ज्यादा हो जाये और प्रत्येक परिवार को जल्द से जल्द एक-एक गोल्डेन कार्ड प्राप्त हो जाये जिससे उसके स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो जाये।इस अवसर पर बीमारियों के लक्षणों एवं उनके उपचार व बचाव की जानकारी दी गई तथा आशाओं को इस हेतु किये जाने वाले कार्यो के बारे में विस्तार से बताया गया। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि इसके अन्तर्गत अनेक जानलेवा बीमारियों जैसे टीबी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियों, खसरा, रूबेला, कन्जनाइटल रूबेला सिन्ड्रोम, हैपेटाइटिस-बी, डायरिया-रोटा वायरस तथा निमोनिया से बचाव हेतु टीकाकरण सारणी के अनुसार बच्चों को बीसीजी, हैपेटाइटिस-बी, पोलियों, पेन्टावेलेन्ट, रोटा, एफआईपीवी मीजिल्स रूबेला, पीसीवी तथा डीपीटी के टीके दिये जाते हैं। मीजिल्स रूबेला के साथ विटामिन ‘ए‘ की खुराक भी दी जाती है तथा गर्भवती महिलाओं को टीटी का टीकाकरण किया जाता है।
इन टीकों के फलस्वरूप कई खतरनाक रोगों का खात्मा किया जा चुका है जिससे मृत्यु दर में कमी आयी है।परिवार कल्याण कार्यक्रम कें अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में नवीन गर्भनिरोधक (अंतरा त्रैमासिक इंजेक्शन एवं छाया साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली) की सेवायेंच रणबद्ध तरीके से वर्ष 2017-18 से स्वास्थ्य इकाईयों पर प्रदान की जा रही है। वर्तमान में उपरोक्त सेवा जिला महिला चिकित्सालय/ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों/प्राथमिक/नवीन/अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंन्द्रो पर जहां प्रशिक्षित सेवा प्रदाता उपलब्ध है, प्रदान की जा रही है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत सामुदायिक स्तर पर परिवार नियोजन की अस्थाई विधियों को बढ़ावा देने के लिए गैर हार्मोन, गर्भनिरोधक गोली सेंटाक्रोमन-छाया प्रदेश के चिकित्सा इकाईकियों में प्रारम्भ की गई हैं।
