पीएम की काशी में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर का रोड शो, खुद को बताया मजबूत उम्मीदवार

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोकने के इरादे से सांस्कृतिक नगरी वाराणसी आये भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने शनिवार को हाथों में ‘भारत का संविधान की प्रति लेकर करीब 14 किलोमीटर लंबा ‘रोड शो किया। जिला मुख्यालय के पास स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर प्रतिमा से सीरगोवर्धनपुर के संत रविदास की जन्मस्थली स्थित उनके मंदिर में चंद्रशेखर ने मत्था टेक कर लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान का आगाज किया। उन्होंने संवादाताओं से कहा कि श्री मोदी ने पांच वर्षों में बहुजन समाज की उपेक्षा की है, जिसका हिसाब लेने के लिए वह वाराणसी संसदीय क्षेत्र से उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने देश के खजाने को अमीरों के लिए लुटाया है। श्री मोदी ने 48 अरब रुपये कुछ अमीरों को दे दिये, जबकि गरीबों से किया गया एक भी अपना वादा पूरा नहीं किया। रावण ने भारतीय जनता पार्टी और श्री मोदी को सत्ता से बाहर करने का अभियान चलाने वाले तमाम दलों से वाराणसी संसदीय क्षेत्र में समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा ‘उम्मीद है कि वह लोक सभा के चुनावी शतरंज के खेल में भीम आर्मी के सिपाही के तौर पर ‘वजीर को मात देने में कामयाब होंगे तथा गुजरात भेजने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि यह सभी जानते हैं कि वजीर काफी ताकतवर होता है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि कभी-कभी एक अदना सिपाही भी वजीर को कई बार मात दे देता है। इसी उम्मीद के साथ उन्होंने बहुजन समाज के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढाने के लिए यहां से चुनाव लडने का फैसला किया है। भीम आर्मी प्रमुख ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के इशारे पर ‘रोड शो में बाधा पहुंचायी ताकि श्री मोदी को चुनावी फायदा पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि अपने यहां के कार्यक्रम के लिए उन्होंने आठ दिन पहले अनुमति मांगी थी, लेकिन शुक्रवार शाम प्रशासन ने इजाजत दी। उन्होंने कहा कि अंबेडकर प्रतिमा से सीरगोवर्धनपुर तक के रोड शो के दौरान सत्ताधारी पार्टी की ओर से प्रायोजित कुछ युवाओं द्वारा रास्ते में काले झंडे दिखाये गये और आगे बढऩे में बाधा पहुंचायी गई। इतना ही नहीं लंका क्षेत्र में पुलिस ने उन्हें संत रविदास मंदिर जाने से रोकने की कोशिश की। आधे घंटे से अधिक समय तक उन्हें और उनके सैकड़ों कार्यकर्ताओं को रोककर जिला प्रशासन ने मौलिक अधिकारों का हनन किया। श्री चंद्रशेखर ने कहा कि निर्धारित समय से पहले ही उनका कार्यक्रम लंका थाने के पास संत रविदास मंदिर चौराहे पर समाप्त हो गया था। इसके वह समर्थकों के साथ करीब तीन किलोमीटर दूर संत रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर स्थित मंदिर में जा रहे थे कि पुलिस ने उन्हें रोक दिया। काफी जद्दोजहद के बाद जब मंदिर जाने की इजाजत प्रशासन ने दी तो उन्हें बीएचयू परिसर स्थित रास्ते पर जाने से रोक दिया गया। इसके बाद उन्हें भगवानपुर गांव के रास्ते जाना पड़ा। उनका आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उनके समर्थकों को मोदी विरोधी नारे लगाने से रोका। दलित युवा नेता ने तेज धूप में करीब 14 किलोमीटर लंबे रोड शो के दौरान ज्यादातर पैदल यात्रा की। नदेसर में मिंट हाउस के पास कुछ युवकों ने उन्हें काले झंडे दिखाये और उनके खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने विरोध कर रहे युवकों को हिरासत में लिया, लेकिन बाद में रिहा कर दिया। रोड शो में शामिल भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा एवं मोदी विरोधी नारे लगाये। मलदहिया में भीम आर्मी प्रमुख ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।

http://www.royalbulletin.com/category/national/uttar-pradesh/–168759

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