राजरंग-2019 में आप भी पढ़े,मोदी ने स्वच्छता योद्धाओं के चरण पखारे, अब करेंगे क्या दलित नेता बेचारे

देश में स्वच्छता अभियान को मिलेगी गति
क्या भाजपा के मंत्री एवं विधायक तथा सांसद भी करेंगे मोदी का अनुसरण
भाजपाइयों को राहुल के दलितों के घर भोजन करने को नाटक बताने से करना होगा परहेज
कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया)
राजरंग-2019 ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रयागराज कुंभ में स्वच्छता अभियान के समर्पित सिपाहियों के पैर धोए ।उनका सम्मान किया। यह अप्रतिम दृश्य देश के इतिहास में अलौकिक संस्कारों से युक्त नयनाभिराम दृश्य था। श्री मोदी के इस कार्य की राजनीतिक दल अथवा नेता अपने-अपने ढंग से व्याख्या करेंगे। लेकिन इसी के साथ यह तय हो गया है कि एक बार फिर पूरे देश में स्वच्छता अभियान एवं स्वच्छ भारत की नई परिभाषा को गढ़ने के लिए कोशिशें तेज हो जाएंगी।प्रदेश के प्रसिद्ध प्रयाग राज में आयोजित कुंभ महोत्सव में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम स्नान के उपरांत ऐसा कार्य किया कि पूरे देश में इसकी चर्चा – परिचर्चा प्रारंभ हो गई ।प्रधानमंत्री ने देश के इतिहास में पहली बार बाल्मिक समाज के स्वच्छता योद्धाओं के चरणों को धोकर के यह सिद्ध कर दिया कि वास्तव में भारतीय संस्कृति कितनी बड़ी है।एक बात और है कि देश में दलित राजनीति खूब हुई। दलितों के बीच के नेता भी खूब हुए। उन्हें बड़े बड़े पद भी मिले। लेकिन दलित उद्धारक कहने वाले किसी भी नेता ने वाल्मीकि समाज के अथवा किसी दलित के चरणों को इस प्रकार से नहीं धोया ।यह जरूर था ऐसे दलित नेता पूरे दलित समाज से अपना चरण वंदन जरूर करवाते रहें। मुझे स्मरण है कि जब सभासद के तौर पर मैंने एक कार्यक्रम में अपने वार्ड की नालियों को साफ किया था। तो महसूस किया था कि वास्तव में सफाई कर्मियों को नगर को स्वच्छ रखने में कितनी मेहनत करनी पड़ती है। प्रधानमंत्री जी आपको इस कार्य के लिए बधाई।हां एक बात और।। अभी भाजपा के विरोधी दलों अथवा नेताओं के बयान आएंगे कि यह सब बाल्मिक समाज एवं दलितों के वोटों को हासिल करने का तरीका है। नाटक है। तो मेरा इतना कहना है कि अब महागठबंधन सहित मोदी विरोधी नेताओं को ऐसे ही दृश्यों को जीना तो होगा ही।भाजपाइयों को भी अब राहुल गांधी के द्वारा दलितों के घर भोजन करने को नाटक बताने से परहेज करना पड़ेगा। रही बात बसपा की मायावती जी की !यह वह खुद ही जाने अथवा जाने बसपाई ?जिन स्वच्छता सिपाहियों के पैरों को प्रधानमंत्री ने धोया है ऐसे तमाम योद्धाओं ने कुंभ को स्वच्छता के नए मापदंड ऊपर स्थापित कर दिया। बीते दिसंबर माह से पहले यह लोग पूरी मेहनत के साथ अपने स्वच्छता कार्य को अंजाम दे रहे थे। लोकसभा चुनाव सामने है जो भी सज्जन इस दृश्य को भारतीय संस्कृति एवं संस्कार के लहजे से देखते हैं उन्हें इसे आत्मसात करना चाहिए। खासकर भाजपा विधायकों ,मंत्रियों, सांसदों को अब ऐसे चरण धोने वाले कार्यक्रम देश में जगह जगह आयोजित करने चाहिए। नागरिकों को स्वच्छता अभियान को गति देनी चाहिए। रही बात भाजपा विरोधी नेताओं की तो उन्हें भी मेरी सलाह है कि अब आप भी अपने हिसाब से चरण पखारने की राजनीति को करने की तैयारी तो कर ही लीजिए? क्योंकि मोदी जी ने यह कार्य करके कहीं न कहीं लोगों का ध्यान संस्कारों की ओर खींचा है ।कूटनीतिक संकेत है कि पुलवामा में शहीद हुए शहीदों की शहादत से सभी का ध्यान हटाने का उनका यह प्रयास भर है ?हां तो चलो ठीक। अब देखो किस दल का नेता कहां पर कैसे स्वच्छता के सिपाहियों के पैरों को धोते नजर आता है! फिलहाल तो बाल्मिक समाज के स्वच्छता अभियान के सिपाहियों की लोकसभा चुनाव से पहले है बल्ले– बल्ले।देश व प्रदेश में राजनीति को लेकर हो रही हर हलचल को जानने के लिये पढ़ते रहे kkc यानि “खबरों की चौपाल” का विशेषांक राजरंग-2019।
