October 27, 2025

कायस्थों का योगदान शिक्षा, प्रशासन और संस्कृति के हर क्षेत्र में अविस्मरणीय रहा : अरविंद व्यास

IMG-20251027-WA0023.jpg

कायस्थों ने की सामूहिक कलाम दवात पूजा , भगवान चित्रगुप्त से की ज्ञान और न्याय की कामना

रुदौली,अयोध्या ! रुदौली के हनुमान टीला मंदिर परिसर में रविवार को कायस्थ सभा रुदौली के तत्वावधान में सामूहिक कलम-दवात व भगवान चित्रगुप्त महाराज की पूजा बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर कायस्थ समाज के सैकड़ों बंधु एकत्र हुए और कलम-दवात की पूजा कर भगवान चित्रगुप्त से ज्ञान, न्याय और सद्बुद्धि की प्रार्थना की।

कार्यक्रम का शुभारंभ कायस्थ सभा रुदौली के संरक्षक राजेश श्रीवास्तव, अध्यक्ष अरविंद व्यास एवं महामंत्री सौरभ श्रीवास्तव ने भगवान चित्रगुप्त के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया। मुख्य अतिथि के रूप में अयोध्या से पधारे के.सी. श्रीवास्तव और प्रदीप श्रीवास्तव ने भी पूजा-अर्चना में भाग लिया।सामूहिक कलम-दवात पूजन में रुदौली तहसील क्षेत्र के अलावा विभिन्न जनपदों से आए कायस्थ समाज के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। सभी ने अपनी लेखनी से भगवान श्रीगणेश, चित्रगुप्त और भगवान श्रीराम के नाम लिखकर कलम-दवात पूजा सम्पन्न की।सभा के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कथावाचक अरविंद व्यास ने कायस्थ समाज की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कायस्थ समाज ने हर युग में राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है। मुंशी प्रेमचंद, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री और हरिवंश राय बच्चन जैसे महान विभूतियों ने समाज को नई दिशा दी। आज आवश्यकता है कि हम संगठन को और सशक्त करें तथा समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करें।”इस दौरान कायस्थ सभा रुदौली के कोषाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव, महामंत्री सौरभ श्रीवास्तव, रमेशचंद्र श्रीवास्तव, सुरेश श्रीवास्तव, कमलेश श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव ‘डब्बू’, वृजेश श्रीवास्तव, गिरधर गोपाल श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव, के.के. श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव, अभयदीप श्रीवास्तव, निधि श्रीवास्तव, हिमांशु श्रीवास्तव, प्रभांशु श्रीवास्तव, प्रेमा श्रीवास्तव, सोनल श्रीवास्तव, देवांश श्रीवास्तव, त्रिशिका श्रीवास्तव सहित सैकड़ों कायस्थ बंधु एवं महिलाएं मौजूद रहीं।कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसमें सभी ने एकता, शिक्षा और सेवा भाव को समाज की सच्ची शक्ति बताया।

बॉक्स

प्रतिभा और परंपरा का संगम

सामूहिक कलम-दवात पूजा ने यह संदेश दिया कि लेखनी और ज्ञान ही समाज की सबसे बड़ी शक्ति हैं। कायस्थ समाज ने इस परंपरा को जीवित रखकर आने वाली पीढ़ी को शिक्षा और संस्कृति से जोड़ने का कार्य किया है।

You may have missed

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading